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अध्याय 120

फल पैदा करें, यीशु के दोस्त बने रहें

फल पैदा करें, यीशु के दोस्त बने रहें

यूहन्‍ना 15:1-27

  • अंगूर की सच्ची बेल और डालियाँ

  • यीशु के प्यार के लायक कैसे बने रहें?

यीशु अपने वफादार प्रेषितों की हिम्मत बँधा रहा है। अब तक शायद आधी रात हो चुकी है। अब वह उन्हें एक मिसाल बताता है:

“मैं अंगूर की सच्ची बेल हूँ और मेरा पिता बागबान है।” (यूहन्‍ना 15:1) सदियों पहले इसराएल राष्ट्र को यहोवा की अंगूरों की बेल कहा गया था। (यिर्मयाह 2:21; होशे 10:1, 2) मगर यीशु जिस बेल की बात कर रहा है वह इसराएल राष्ट्र नहीं है, क्योंकि यहोवा इस राष्ट्र को ठुकराने जा रहा है। (मत्ती 23:37, 38) यह बेल यीशु है। ईसवी सन्‌ 29 में जब पवित्र शक्‍ति से उसका अभिषेक हुआ, तब से यहोवा इस बेल को मानो सींच रहा है। अब यीशु बताता है कि यह बेल सिर्फ उसे नहीं, कुछ और लोगों को भी दर्शाती है:

“मेरी हर वह डाली जो फल नहीं देती, उसे वह [यानी पिता] काट देता है और ऐसी हर डाली जो फल देती है, उसकी वह छँटाई करता है ताकि उसमें और ज़्यादा फल लगें। . . . एक डाली तब तक फल देती है जब तक वह बेल से जुड़ी रहती है। बेल से अलग होकर डाली अपने आप फल नहीं दे सकती। तुम भी अगर मेरे साथ एकता में न रहो, तो फल नहीं पैदा कर सकते। मैं अंगूर की बेल हूँ और तुम डालियाँ हो।”—यूहन्‍ना 15:2-5.

यीशु ने वादा किया है कि वह जाने के बाद अपने वफादार चेलों के लिए एक मददगार भेजेगा यानी उन्हें पवित्र शक्‍ति दी जाएगी। इक्यावन दिन बाद प्रेषितों और कई और चेलों को पवित्र शक्‍ति मिलती है और तब वे इस बेल की डालियाँ बन जाते हैं। यीशु बताता है कि चेले उसके साथ एकता में रहने से क्या कर पाएँगे:

“जो मेरे साथ एकता में रहता है और जिसके साथ मैं एकता में रहता हूँ, वह बहुत फल पैदा करता है। मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।” बेल की डालियों यानी यीशु के चेलों को बहुत-से फल पैदा करने हैं। उन्हें यीशु के जैसे गुण दर्शाने हैं और दूसरों को परमेश्‍वर के राज के बारे में बताना है। तब और भी कई लोग यीशु के चेले बनेंगे। अगर एक चेला यीशु के साथ एकता में न रहे और फल पैदा न करे, तो क्या होगा? यीशु बताता है, “अगर कोई मेरे साथ एकता में नहीं रहता, तो उसे फेंक दिया जाता है जैसे एक डाली को फेंक दिया जाता है।” वह यह भी कहता है, “अगर तुम मेरे साथ एकता में रहो और मेरी बातें तुम्हारे दिल में रहें, तो तुम जो चाहो और माँगो, वह तुम्हें दे दिया जाएगा।”—यूहन्‍ना 15:5-7.

अब यीशु चेलों से कहता है कि वे उसकी आज्ञाएँ मानें। यह बात उसने पहले भी दो बार कही थी। (यूहन्‍ना 14:15, 21) यीशु उनसे यह भी कहता है, “अगर तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्यार के लायक बने रहोगे, ठीक जैसे मैं पिता की आज्ञाएँ मानता हूँ और उसके प्यार के लायक बना रहता हूँ।” अब यीशु बताता है कि चेलों को उससे और पिता से प्यार करने के अलावा और क्या करना है। “मेरी यह आज्ञा है कि तुम एक-दूसरे से प्यार करो जैसे मैंने तुमसे प्यार किया है। क्या कोई इससे बढ़कर प्यार कर सकता है कि वह अपने दोस्तों की खातिर जान दे दे? जो आज्ञा मैं देता हूँ अगर तुम उसे मानो तो तुम मेरे दोस्त हो।”—यूहन्‍ना 15:10-14.

कुछ ही घंटों में यीशु उन सबके लिए अपनी जान दे देगा जो उस पर विश्‍वास करते हैं। तब साबित हो जाएगा कि वह उनसे कितना प्यार करता है। उसे देखकर चेलों को सीखना चाहिए कि वे भी एक-दूसरे से इसी तरह प्यार करें। उन्हें एक-दूसरे के लिए त्याग करने चाहिए। इस प्यार से उनकी पहचान होगी, क्योंकि यीशु ने कहा था, “अगर तुम्हारे बीच प्यार होगा, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो।”—यूहन्‍ना 13:35.

प्रेषितों को याद रखना है कि यीशु ने उन्हें अपने ‘दोस्त’ कहा है। यीशु बताता है कि वह क्यों उन्हें अपने दोस्त मानता है: “मैंने तुम्हें अपना दोस्त कहा है क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना है वह सब तुम्हें बता दिया है।” चेलों के लिए यह कितनी खुशी की बात है कि वे यीशु के अच्छे दोस्त हैं और उसने उन्हें वे बातें बतायी हैं जो पिता ने उसे बतायी हैं। मगर हमेशा यीशु के दोस्त बने रहने के लिए उन्हें फल पैदा करते रहना है। यीशु उनसे कहता है कि अगर वे फल पैदा करेंगे, तो वे उसके नाम से पिता से जो कुछ माँगेंगे वह उन्हें दे देगा।—यूहन्‍ना 15:15, 16.

चेलों के बीच प्यार होगा, तो वे उन मुश्‍किलों को सह पाएँगे जो बहुत जल्द उन पर आनेवाली हैं। यीशु बताता है कि दुनिया उनसे नफरत करेगी, फिर भी वे क्यों हिम्मत रख सकते हैं: ‘अगर दुनिया तुमसे नफरत करती है, तो याद रखो कि इसने तुमसे पहले मुझसे नफरत की है। अगर तुम दुनिया के होते तो दुनिया तुम्हें पसंद करती क्योंकि तुम उसके अपने होते। मगर तुम दुनिया के नहीं हो, इसलिए दुनिया तुमसे नफरत करती है।’—यूहन्‍ना 15:18, 19.

यीशु एक और कारण बताता है कि दुनिया उनसे क्यों नफरत करेगी: “वे मेरे नाम की वजह से तुम्हारे खिलाफ यह सब करेंगे क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।” यीशु बताता है कि उसने जो चमत्कार किए हैं उनकी वजह से चेलों से नफरत करनेवाले दोषी ठहरेंगे: “मैंने उनके बीच वे काम किए जो किसी और ने नहीं किए थे। अगर मैंने उनके बीच ये काम न किए होते, तो उनमें कोई पाप नहीं होता। लेकिन अब उन्होंने मुझे देखा है और मुझसे और मेरे पिता, दोनों से नफरत की है।” उनकी नफरत की वजह से बाइबल की भविष्यवाणियाँ भी पूरी होती हैं।—यूहन्‍ना 15:21, 24, 25; भजन 35:19; 69:4.

इसके बाद यीशु एक बार फिर वादा करता है कि उन्हें वह मददगार भेजेगा यानी उन्हें पवित्र शक्‍ति दी जाएगी। यह ज़बरदस्त शक्‍ति यीशु के सभी चेलों को मिलती है, इसलिए वे फल पैदा कर पाते हैं। वे ‘उसके बारे में गवाही’ दे पाते हैं।—यूहन्‍ना 15:27.