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अध्याय 64

हमें दूसरों को माफ क्यों करना चाहिए?

हमें दूसरों को माफ क्यों करना चाहिए?

मत्ती 18:21-35

  • क्या सात बार माफ करना काफी है?

  • ऐसा दास जिसने दूसरे पर दया नहीं की

यीशु ने अभी-अभी बताया कि अगर भाइयों के बीच अनबन हो जाए, तो वे उसे आपस में कैसे निपटा सकते हैं। लेकिन पतरस जानना चाहता है कि अपने भाई को कितनी बार माफ करना काफी रहेगा।

पतरस यीशु से पूछता है, “प्रभु, अगर मेरा भाई मेरे खिलाफ पाप करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे माफ करूँ? सात बार?” कुछ धर्म गुरु सिखाते हैं कि सिर्फ तीन बार माफ करना चाहिए। तो पतरस को लग रहा है कि अपने भाई को सात बार माफ करना बड़प्पन होगा।​—मत्ती 18:21.

लेकिन इस तरह दूसरों की गलतियों का हिसाब रखना सही नहीं है। यीशु ऐसा नहीं सिखा रहा है। वह पतरस से कहता है, “मैं तुझसे कहता हूँ कि सात बार नहीं बल्कि 77 बार।” (मत्ती 18:22) उसके कहने का मतलब है कि चाहे कोई कितनी ही बार गलती करे, हमें उसे माफ करना चाहिए। हिसाब नहीं रखना चाहिए।

यीशु अब एक मिसाल देकर समझाता है कि दूसरों को माफ करना उनका फर्ज़ है: एक दास ने राजा से 6 करोड़ दीनार कर्ज़ लिया है जो कि बहुत बड़ी रकम है। दास यह कर्ज़ चुका नहीं पाता। तब राजा हुक्म देता है कि उसे और उसके बीवी-बच्चों को और जो कुछ उसका है सब बेचकर कर्ज़ चुकाया जाए। दास राजा के सामने गिरकर गिड़गिड़ाने लगता है, “मुझे थोड़ी और मोहलत दे और मैं तेरी पाई-पाई चुका दूँगा।”​—मत्ती 18:26.

यह देखकर राजा का दिल तड़प उठता है। वह दास का इतना बड़ा कर्ज़ माफ कर देता है। इसके बाद यह दास दूसरे एक दास को ढूँढ़ता है जिसने उससे 100 दीनार उधार लिए थे। वह उसका गला दबाने लगता है और उससे कहता है, “तूने जो उधार लिया है वह वापस कर।” तब दूसरा दास उसके पैर पड़ता है और उससे बिनती करता है, “मुझे थोड़ी और मोहलत दे और मैं तेरा उधार चुका दूँगा।” (मत्ती 18:28, 29) दूसरे दास ने उससे बहुत कम उधार लिया था, फिर भी वह उस पर दया नहीं करता, जैसे राजा ने की थी। वह उसे जेल में डलवा देता है ताकि जब तक वह पूरा कर्ज़ चुका न दे तब तक वह वहीं रहे।

जब बाकी दास देखते हैं कि इस दास ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया, तो वे जाकर राजा को बता देते हैं। राजा को बहुत गुस्सा आता है। वह उस दास को बुलाकर उससे कहता है, “अरे दुष्ट, जब तू मेरे सामने गिड़गिड़ाया था, तब मैंने तेरा सारा कर्ज़ माफ कर दिया था। तो क्या तुझे भी अपने संगी दास पर दया नहीं करनी थी, जैसे मैंने तुझ पर दया की थी?” फिर राजा उस दास को जेलरों के हवाले कर देता है ताकि जब तक वह पाई-पाई न चुका दे तब तक वह जेल में रहे। यीशु कहता है, “अगर तुममें से हरेक अपने भाई को दिल से माफ नहीं करेगा, तो स्वर्ग में रहनेवाला मेरा पिता भी तुम्हारे साथ इसी तरह पेश आएगा।”​—मत्ती 18:32-35.

माफी के बारे में यह बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए। हम परमेश्‍वर के खिलाफ जो पाप करते हैं, वह एक भारी कर्ज़ जैसा है। और परमेश्‍वर हमें माफ कर देता है। इसके मुकाबले हमारे भाई-बहन हमारे खिलाफ जो पाप करते हैं, वह कुछ भी नहीं है। यहोवा हमें हज़ारों बार माफ करता है, तो क्या हम अपने भाई-बहनों की गलतियाँ माफ नहीं कर सकते? हमें उनसे चाहे जो भी शिकायत हो, उन्हें माफ कर देना चाहिए। यीशु ने पहाड़ी उपदेश में कहा था कि अगर हम दूसरों को माफ करेंगे, तो यहोवा भी हमें माफ करेगा।​—मत्ती 6:12.