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कहानी 88

यूहन्‍ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया

यूहन्‍ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया

वो देखो, उस आदमी के ऊपर एक कबूतर उतर रहा है। वह आदमी यीशु है। अब वह बड़ा हो गया है। वह करीब 30 साल का है। और उसके साथ जो आदमी है, उसका नाम यूहन्‍ना है। हमें यूहन्‍ना के बारे में कुछ-कुछ मालूम है। याद है, जब मरियम अपनी रिश्‍तेदार इलीशिबा से मिलने गयी, तो इलीशिबा के पेट में जो बच्चा था, वह खुशी के मारे उछल पड़ा था? वह बच्चा कोई और नहीं, यूहन्‍ना था। लेकिन यूहन्‍ना और यीशु यहाँ क्या कर रहे हैं?

यूहन्‍ना ने अभी-अभी यीशु को यरदन नदी में डुबकी लगवायी है। इसे बपतिस्पा कहा जाता है। यूहन्‍ना लोगों को बपतिस्मा दिया करता था। इसलिए उसे यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाला कहा जाता था। लेकिन यूहन्‍ना ने यीशु को बपतिस्मा क्यों दिया?

वह इसलिए, क्योंकि यीशु ने उससे ऐसा करने के लिए कहा था। यूहन्‍ना उन लोगों को बपतिस्मा देता था, जो अपने गलत कामों के लिए माफी माँगना चाहते थे। मगर यीशु ने क्या गलत काम किया, जो उसे बपतिस्मा लेने की ज़रूरत पड़ी? यीशु ने कोई गलत काम नहीं किया था। वह ऐसा कर ही नहीं सकता। क्योंकि वह तो स्वर्ग से आया परमेश्‍वर का बेटा था। इसलिए उसके बपतिस्मा लेने की वजह कुछ और ही थी। लेकिन क्या?

यूहन्‍ना के पास आने से पहले यीशु एक बढ़ई था। बढ़ई उसे कहते हैं, जो लकड़ी के सामान बनाता है। जैसे मेज़, कुर्सी, बेंच वगैरह। मरियम का पति यूसुफ एक बढ़ई था और उसने यीशु को भी यह काम सिखाया। लेकिन यहोवा ने अपने बेटे यीशु को इस धरती पर बढ़ई बनने के लिए नहीं भेजा था। यहोवा ने उसे एक बहुत ज़रूरी काम के लिए भेजा था। और अब वह काम शुरू करने का समय आ गया था। इसलिए यीशु यूहन्‍ना के पास बपतिस्मा लेने के लिए गया, ताकि वह यह दिखा सके कि अब वह अपने पिता की मरज़ी पूरी करने के लिए तैयार है। क्या परमेश्‍वर इससे खुश हुआ?

बिलकुल। यह हम कैसे कह सकते हैं? क्योंकि जब यीशु पानी से ऊपर आया, तब स्वर्ग से परमेश्‍वर की आवाज़ आयी: ‘यह मेरा बेटा है, जिससे मैं बहुत खुश हूँ।’ साथ ही, ऐसा लगा कि आसमान खुल गए और यह कबूतर यीशु पर उतरा। लेकिन यह असली कबूतर नहीं था। यह सिर्फ दिखने में कबूतर लगता था। असल में यह परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति थी।

बपतिस्मे के बाद, यीशु को कई बातों के बारे में गहराई से सोचना था। इसलिए वह 40 दिन के लिए एक सुनसान जगह चला गया। वहाँ शैतान उसके पास आया। शैतान ने तीन बार कोशिश की कि यीशु, परमेश्‍वर के नियम के खिलाफ काम करे। लेकिन यीशु ने हर बार उसकी कोशिश नाकाम कर दी।

उसके बाद यीशु वहाँ से लौट गया। लौटते वक्‍त वह कुछ आदमियों से मिला जो उसके पहले चेले बने। वे थे, अन्द्रियास, पतरस (जिसे शमौन भी कहा जाता था), फिलिप्पुस और नतनएल (जिसे बरतुलमै भी कहा जाता था)। फिर यीशु अपने इन चेलों के साथ गलील नाम के ज़िले में गया। गलील में वे नतनएल के शहर काना में रुके। वहाँ यीशु एक शादी की दावत में गया और पहला चमत्कार किया। जानते हैं वह चमत्कार क्या था? उसने पानी को शराब बना दिया।