मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 3:1-17

3  उन दिनों यूहन्‍ना+ बपतिस्मा देनेवाला यहूदिया के वीरान इलाकों में आया और यह प्रचार करने लगा,+  “पश्‍चाताप करो क्योंकि स्वर्ग का राज पास आ गया है।”+  दरअसल यूहन्‍ना वही है जिसके बारे में भविष्यवक्‍ता यशायाह+ से यह कहलवाया गया था, “सुनो! वीराने में कोई पुकार रहा है, ‘यहोवा का रास्ता तैयार करो, उसकी सड़कें सीधी करो।’”+  यूहन्‍ना ऊँट के बालों से बने कपड़े पहने था और कमर पर चमड़े का पट्टा बाँधे हुए था।+ उसका खाना टिड्डियाँ+ और जंगली शहद था।+  तब यरूशलेम, पूरे यहूदिया और यरदन नदी के आस-पास के सारे इलाके से लोग उसके पास जाने लगे।+  वे अपने पापों को खुलकर मान लेते थे और वह उन्हें यरदन नदी में बपतिस्मा देता था।+  जब यूहन्‍ना ने कई फरीसियों+ और सदूकियों+ को बपतिस्मे की जगह आते देखा तो उसने उनसे कहा, “अरे साँप के सँपोलो,+ किसने तुम्हें आगाह कर दिया कि तुम आनेवाले कहर से भाग सकते हो?+  इसलिए पश्‍चाताप दिखानेवाले फल पैदा करो।   अब यह मत सोचो, ‘हम तो अब्राहम के वंशज हैं।’+ क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि परमेश्‍वर इन पत्थरों से अब्राहम के लिए संतान पैदा कर सकता है।  10  पेड़ों की जड़ पर कुल्हाड़ा रखा जा चुका है। हर वह पेड़ जो अच्छा फल नहीं देता, उसे काटकर आग में झोंक दिया जाएगा।+ 11  मैं तो तुम्हारे पश्‍चाताप की वजह से तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ।+ मगर जो मेरे बाद आनेवाला है,+ वह मुझसे कहीं शक्‍तिशाली है। मैं उसकी जूतियाँ उतारने के भी लायक नहीं हूँ।+ वह तुम लोगों को पवित्र शक्‍ति से और आग से बपतिस्मा देगा।+ 12  उसके हाथ में अनाज फटकनेवाला बेलचा है, वह अपने खलिहान को पूरी तरह साफ करेगा और अपने गेहूँ को तो इकट्ठा करके गोदाम में रखेगा, मगर भूसी को उस आग में जला देगा+ जिसे बुझाया नहीं जा सकता।” 13  फिर यीशु गलील से यरदन नदी के पास आया ताकि यूहन्‍ना से बपतिस्मा ले।+ 14  मगर यूहन्‍ना ने यह कहकर उसे रोकने की कोशिश की, “मुझे तो खुद तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की ज़रूरत है और तू मेरे पास आया है?”  15  तब यीशु ने उससे कहा, “इस वक्‍त ऐसा ही होने दे क्योंकि हमें वही करना चाहिए जो परमेश्‍वर की नज़र में सही है।” तब यूहन्‍ना ने उसे नहीं रोका।  16  बपतिस्मा लेने के बाद यीशु फौरन पानी में से ऊपर आया। तब आकाश खुल गया+ और उसने परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति को एक कबूतर के रूप में उस पर उतरते देखा।+ 17  तभी स्वर्ग से आवाज़ आयी:+ “यह मेरा प्यारा बेटा है।+ मैंने इसे मंज़ूर किया है।”+

कई फुटनोट

अध्ययन नोट

यूहन्‍ना: इब्रानी में यहोहानान या योहानान। इस नाम का मतलब है, “यहोवा ने मदद की; यहोवा ने कृपा की।”

बपतिस्मा देनेवाला: या “डुबकी लगवानेवाला।” ज़ाहिर है कि यह यूहन्‍ना का एक उपनाम बन गया था, जिससे पता चलता है कि वह ही पानी में डुबकी लगवाकर बपतिस्मा देता था। यहूदी इतिहासकार फ्लेवियस जोसीफस ने लिखा: “यूहन्‍ना जिसका उपनाम था बपतिस्मा देनेवाला।”

यहूदिया के वीरान इलाकों: ये इलाके बंजर थे जहाँ आम तौर पर कोई नहीं रहता था। ये यहूदिया के पहाड़ों की पूर्वी ढलान पर पाए जाते हैं। यह ढलान पहाड़ों की चोटी से करीब 3,900 फुट (1,200 मी.) नीचे तक जाती है, जहाँ यह यरदन नदी के पश्‍चिमी किनारे से और मृत सागर से मिलती है। यूहन्‍ना ने इसी इलाके के एक हिस्से में प्रचार करना शुरू किया, जो मृत सागर के उत्तर में है।

प्रचार करने लगा: इनके यूनानी शब्द का बुनियादी मतलब है, “लोगों को सरेआम संदेश सुनाना।” इससे संदेश सुनाने का तरीका पता चलता है और वह है: सरेआम सब लोगों को संदेश सुनाना, न कि एक समूह को उपदेश देना।

पश्‍चाताप करो: इनके यूनानी शब्द का शाब्दिक अनुवाद हो सकता है, “अपना मन बदलना।” यह दिखाता है कि पश्‍चाताप करने में सोच, रवैया या लक्ष्य बदलना शामिल है। इस आयत में ‘पश्‍चाताप करने’ का मतलब है, एक इंसान का अपनी ज़िंदगी में बदलाव करना ताकि वह परमेश्‍वर को खुश करे और उसके साथ रिश्‍ता कायम करे।​—मत 3:8, 11 के अध्ययन नोट और शब्दावली में “पश्‍चाताप” देखें।

स्वर्ग का राज: इनके यूनानी शब्द मत्ती की किताब में करीब 30 बार आते हैं। ये शब्द खुशखबरी की दूसरी किताबों में नहीं आते। जिन ब्यौरों में मत्ती ने ये शब्द इस्तेमाल किए उन्हीं ब्यौरों को जब मरकुस और लूका ने लिखा तो उन्होंने “परमेश्‍वर का राज” शब्द इस्तेमाल किए। इससे पता चलता है कि “परमेश्‍वर का राज” स्वर्ग में है और वहीं से हुकूमत करता है।​—मत 21:43; मर 1:15; लूक 4:43; दान 2:44; 2ती 4:18.

राज: यूनानी शब्द वासिलेया पहली बार इसी आयत में आता है। इसका मतलब सिर्फ एक राज नहीं बल्कि राजा का शासन-क्षेत्र और उसकी प्रजा भी है। शब्द वासिलेया मसीही यूनानी शास्त्र में 162 बार आया है। इनमें से 55 बार मत्ती की किताब में आया है और ज़्यादातर यह परमेश्‍वर के राज के लिए इस्तेमाल हुआ है, जो स्वर्ग में है। मत्ती ने “राज” शब्द इतनी बार इस्तेमाल किया कि उसकी किताब को राज की खुशखबरी की किताब कहा जा सकता है।​—शब्दावली में “परमेश्‍वर का राज” देखें।

पास आ गया है: यानी स्वर्ग के राज का होनेवाला राजा बहुत जल्द प्रकट होता।

यहोवा: यहाँ यश 40:3 की बात लिखी है। मूल इब्रानी पाठ में इस आयत में परमेश्‍वर के नाम के लिए चार इब्रानी व्यंजन (हिंदी में य-ह-व-ह) इस्तेमाल हुए हैं। (अति. ग देखें।) मत्ती ने बताया कि यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु के लिए रास्ता तैयार करके यह भविष्यवाणी पूरी की। यूहन्‍ना की खुशखबरी की किताब में यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने खुद कहा कि उसने यह भविष्यवाणी पूरी की।​—यूह 1:23.

उसकी सड़कें सीधी करो: शायद यहाँ उस दस्तूर की बात की गयी है, जिसके मुताबिक पुराने ज़माने के राजाओं को जब रथ पर सवार होकर सफर में जाना होता था, तो वे पहले से ही अपने आदमियों को भेजते थे कि वे रास्ते से बड़े-बड़े पत्थर हटाएँ, पुल बनाएँ और पहाड़ियों को समतल करें।

ऊँट के बालों से बने कपड़े: ऊँट के बालों से बुनकर बनाए गए यूहन्‍ना के कपड़े और उसका चमड़े का पट्टा, भविष्यवक्‍ता एलियाह की पोशाक की याद दिलाता है।​—2रा 1:8; यूह 1:21.

टिड्डियाँ: इनमें प्रोटीन बहुत होता है। कानून के मुताबिक इन कीड़ों को शुद्ध माना जाता था और यहूदी इन्हें खा सकते थे।​—लैव 11:21, 22.

जंगली शहद: यह वीराने में पाए जानेवाले मधुमक्खियों के छत्तों से निकाला जाता था, न कि पालतू मधुमक्खियों के छत्तों से। वीराने में रहनेवाले लोगों के लिए टिड्डियाँ और जंगली शहद खाना आम बात थी।

अपने पापों को खुलकर मान लेते थे: यहाँ उन लोगों की बात की गयी है जो सबके सामने कबूल करते थे कि उन्होंने मूसा के कानून का कोई नियम तोड़कर पाप किया है।

बपतिस्मा देता था: या “डुबकी लगवाता” था।​—मत 3:11 का अध्ययन नोट देखें।

फरीसियों: शब्दावली में “फरीसी” देखें।

सदूकियों: शब्दावली में “सदूकी” देखें।

अरे साँप के सँपोलो: फरीसियों और सदूकियों को ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि उनके दुष्ट काम और झूठी शिक्षाएँ भोले-भाले लोगों के लिए ज़हर की तरह थीं।

पश्‍चाताप दिखानेवाले फल: यूहन्‍ना के सुननेवाले अगर अपना मन या रवैया बदलते थे तो इसका सबूत उन्हें अपने कामों से देना होता था।​—लूक 3:8; प्रेष 26:20; मत 3:2, 11 के अध्ययन नोट और शब्दावली में “पश्‍चाताप” देखें।

पश्‍चाताप: शा., “मन बदलना।”​—मत 3:2, 8 के अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।

तुम्हें . . . बपतिस्मा देता हूँ: या “डुबकी लगवाता हूँ।” यूनानी शब्द बपटाइज़ो का मतलब है, “गोता लगाना।” बाइबल को समझानेवाली दूसरी किताबें बताती हैं कि बपतिस्मे में पानी के अंदर पूरी तरह जाना शामिल है। एक बार यूहन्‍ना सालीम के पास यरदन घाटी में लोगों को बपतिस्मा दे रहा था “क्योंकि वहाँ बहुत पानी था।” (यूह 3:23) जब फिलिप्पुस इथियोपिया के खोजे को बपतिस्मा देनेवाला था तो “वे दोनों पानी में उतरे।” (प्रेष 8:38) सेप्टुआजेंट में 2रा 5:14 में यूनानी शब्द बपटाइज़ो ही इस्तेमाल हुआ है, जहाँ बताया गया है कि नामान ने ‘यरदन नदी में सात बार डुबकी लगायी।’

कहीं शक्‍तिशाली: यहाँ “ज़्यादा अधिकार” की बात की गयी है।

जूतियाँ: किसी की जूतियाँ उतारना और उन्हें उठाना या जूतियों के फीते खोलना (मर 1:7; लूक 3:16; यूह 1:27) बहुत छोटा काम माना जाता था, जो अकसर एक गुलाम करता था।

पवित्र शक्‍ति से और आग से बपतिस्मा: यहाँ पवित्र शक्‍ति से अभिषेक किए जाने और आग से नाश करने की बात की गयी है। पवित्र शक्‍ति से बपतिस्मा देना ईसवी सन्‌ 33 के पिन्तेकुस्त के दिन से शुरू हुआ। आग से बपतिस्मा ईसवी सन्‌ 70 में दिया गया, जब रोमी सेना ने यरूशलेम का नाश किया और उसके मंदिर को जला दिया।

अनाज फटकनेवाला बेलचा: यह शायद लकड़ी का बना होता था। इससे दाँवे गए अनाज को हवा में उछाला जाता था ताकि घास-फूस और भूसी उड़ जाए और अनाज रह जाए।

भूसी: गेहूँ और जौ जैसे अनाज को दाँवने और फटकने के बाद, उनसे अलग होनेवाला छिलका। अकसर भूसी को इकट्ठा करके जला दिया जाता था ताकि वह उड़कर वापस अनाज के ढेर में न मिल जाए। यूहन्‍ना ने अनाज फटकने के उदाहरण से यह समझाया कि मसीहा कैसे गेहूँ समान लोगों को भूसी समान लोगों से अलग करेगा।

आग . . . जिसे बुझाया नहीं जा सकता: मतलब, यहूदी व्यवस्था का पूरी तरह खत्म होना तय था।

वही करना चाहिए जो परमेश्‍वर की नज़र में सही है: या “नेक है।” यीशु का बपतिस्मा पश्‍चाताप की निशानी नहीं था क्योंकि उसमें कोई पाप नहीं था और वह परमेश्‍वर के नेक स्तरों पर खरा उतरा। उसका बपतिस्मा समर्पण की निशानी भी नहीं था क्योंकि वह ऐसे राष्ट्र का हिस्सा था जो पहले से ही परमेश्‍वर को समर्पित था। इसके बजाय उसके बपतिस्मे से ज़ाहिर हुआ कि वह परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करने यानी मसीहा की भूमिका निभाने के लिए खुद को पेश कर रहा है। इसमें फिरौती के लिए अपनी जान देना भी शामिल है। यीशु ने भज 40:7, 8 की भविष्यवाणी पूरी की जिसके बारे में इब्र 10:5-9 में समझाया गया है।

आकाश: यह आसमान हो सकता है या स्वर्ग।

आकाश खुल गया: ज़ाहिर है कि परमेश्‍वर ने कुछ ऐसा किया कि यीशु को स्वर्ग की सारी बातें याद आ गयीं, यहाँ तक कि वे सच्चाइयाँ भी जो उसने धरती पर आने से पहले स्वर्ग में अपने पिता से सीखी थीं।

एक कबूतर के रूप में: कबूतरों का बलिदान चढ़ाया जाता था। (मर 11:15; यूह 2:14-16) इन्हें सीधेपन और शुद्धता की निशानी भी माना जाता था। (मत 10:16) नूह ने जिस कबूतर या फाख्ते को जहाज़ के बाहर भेजा था वह जैतून की एक पत्ती लेकर वापस आयी थी। इससे ज़ाहिर हुआ कि जलप्रलय का पानी कम हो रहा है (उत 8:11) और चैन और शांति का वक्‍त शुरू होनेवाला है (उत 5:29)। उसी तरह, यीशु के बपतिस्मे के वक्‍त यहोवा ने शायद कबूतर का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया कि मसीहा के तौर पर यीशु क्या करेगा। परमेश्‍वर का यह बेटा इंसानों की खातिर अपना जीवन बलिदान करता क्योंकि वह पूरी तरह शुद्ध था और उसमें कोई पाप नहीं था। उसके बलिदान के आधार पर आगे चलकर उसके राज में चैन और शांति का दौर होगा। यीशु के बपतिस्मे के वक्‍त जब परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति उस पर उतरी, तो वह शायद पंख फड़फड़ाते हुए ऐसे कबूतर की तरह दिख रही थी जो कहीं बैठनेवाला हो।

स्वर्ग से आवाज़: खुशखबरी की किताबों में बताया गया है कि यहोवा ने तीन मौकों पर सीधे-सीधे इंसानों से बात की और यह पहला मौका था।​—मत 17:5; यूह 12:28 के अध्ययन नोट देखें।

यह मेरा . . . बेटा है: स्वर्ग में यीशु परमेश्‍वर का बेटा था। (यूह 3:16) धरती पर जब वह इंसान के रूप में पैदा हुआ तब भी “परमेश्‍वर का बेटा” कहलाया ठीक जैसे परिपूर्ण आदम भी था। (लूक 1:35; 3:38) लेकिन ऐसा लगता है कि यहाँ परमेश्‍वर ने जब उसे अपना बेटा कहा तो वह सिर्फ उसकी पहचान नहीं करा रहा था। वह यह बात कहकर और पवित्र शक्‍ति उँडेलकर ज़ाहिर कर रहा था कि यीशु एक नए मायने में उसका बेटा बना है। यानी वह “दोबारा पैदा” हुआ और उसे वापस स्वर्ग में जीवन पाने की आशा मिली। परमेश्‍वर ने उसका पवित्र शक्‍ति से अभिषेक किया ताकि वह उसका ठहराया राजा और महायाजक बने।​—यूह 3:3-6; 6:51; कृपया लूक 1:31-33; इब्र 2:17; 5:1, 4-10; 7:1-3 से तुलना करें।

मैंने इसे मंज़ूर किया है: या “जिससे मैं अति प्रसन्‍न हूँ; जिससे मैं बहुत खुश हूँ।” यही शब्द मत 12:18 में इस्तेमाल हुए हैं जहाँ यश 42:1 की बात लिखी है। इस आयत में वादा किए गए मसीहा या मसीह के बारे में बताया है। अपने बेटे यीशु के बारे में परमेश्‍वर का ऐलान और उस पर पवित्र शक्‍ति उँडेलना इस बात का सबूत था कि वही वादा किया गया मसीहा है।​—मत 12:18 का अध्ययन नोट देखें।

तसवीर और ऑडियो-वीडियो

यरदन नदी के पश्‍चिम में यहूदिया का वीराना
यरदन नदी के पश्‍चिम में यहूदिया का वीराना

इसी बंजर इलाके में यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने प्रचार करना शुरू किया था और यहीं शैतान ने यीशु को फुसलाया था।

वीराना
वीराना

बाइबल में जिन मूल शब्दों (इब्रानी में मिधबार और यूनानी में ईरेमोस ) का अनुवाद ‘वीराना’ या ‘वीरान इलाका’ किया गया है, उनका आम तौर पर मतलब होता है ऐसा इलाका जहाँ कहीं-कहीं घर होते हैं और खेती नहीं होती। लेकिन अकसर इन शब्दों का मतलब होता है, ऐसे मैदान जहाँ घास-फूस और झाड़ियाँ उगती हैं और जानवर चराए जाते हैं। इन शब्दों का मतलब रेगिस्तान भी हो सकता है जहाँ पानी नहीं होता। खुशखबरी की किताबों में जब वीराने की बात की गयी है तो आम तौर पर उसका मतलब है यहूदिया का वीराना। इसी वीराने में यूहन्‍ना रहता था और प्रचार करता था और यहीं शैतान ने यीशु को फुसलाया था।​—मर 1:12.

जंगली शहद
जंगली शहद

यहाँ तसवीर (1) में जंगली मधुमक्खियों का एक छत्ता और तसवीर (2) में शहद से भरा छत्ता दिखाया गया है। यूहन्‍ना जो शहद खाता था वह शायद एपिस मेलिफेरा सिरियाका नाम की जंगली मधुमक्खियों का बनाया शहद था। इस प्रजाति की मधुमक्खियाँ बहुत हमलावर होती हैं और यहूदिया के वीराने में पायी जाती हैं। ये वहाँ के गरम और शुष्क मौसम में भी रह लेती हैं, मगर इस प्रजाति का मधुमक्खी पालन नहीं किया जा सकता। फिर भी, ईसा पूर्व नौवीं में इसराएल के लोग शहद इकट्ठा करने के लिए मिट्टी के बेलनाकार बरतनों में मधुमक्खी पालन करते थे। यरदन घाटी के एक इलाके में (आज का टेल रिहोव), जो पुराने ज़माने में शहरी इलाका था, मधुमक्खी के छत्तों के कई टुकड़े मिले हैं। ये मधुमक्खियाँ शायद ऐसी प्रजाति की थीं जो उस इलाके से लायी गयी थीं जिसे आज तुर्की कहा जाता है।

टिड्डियाँ
टिड्डियाँ

बाइबल में बतायी “टिड्डियाँ” किसी भी किस्म की टिड्डियाँ हो सकती हैं, जिनमें छोटी-छोटी संवेदी शृंगिकाएँ (एन्टिना) होती हैं, खासकर वे टिड्डियाँ जिनके बड़े-बड़े झुंड एक जगह से दूसरी जगह प्रवास करते हैं। यरूशलेम में की गयी एक खोज के मुताबिक वीरानों में पायी जानेवाली टिड्डियों में 75 प्रतिशत प्रोटीन होता है। आज जो लोग इन्हें खाते हैं, वे इनके सिर, पैर, पंख और पेट निकालकर फेंक देते हैं। बाकी के हिस्से यानी सीने को कच्चा या पकाकर खाया जाता है। कहा जाता है कि इनका स्वाद झींगे या केकड़े जैसा होता है।

यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले की वेश-भूषा
यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले की वेश-भूषा

यूहन्‍ना ऊँट के बालों से बुनकर बनाया गया कपड़ा पहनता था और कमर पर चमड़े का एक ऐसा पट्टा बाँधता था, जिसमें छोटी-छोटी चीज़ें रखी जा सकती थीं। भविष्यवक्‍ता एलियाह का पहनावा भी कुछ ऐसा ही था। (2रा 1:8) ऊँट के बालों से बना कपड़ा खुरदरा होता था और इसे ज़्यादातर गरीब लोग पहनते थे, जबकि अमीर लोग रेशम या मलमल से बने मुलायम कपड़े पहनते थे। (मत 11:7-9) यूहन्‍ना जन्म से नाज़ीर था, इसलिए उसके बाल कभी काटे नहीं गए थे। उसकी वेश-भूषा देखते ही पता चलता था कि उसका जीवन सादा था और वह परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करने में ही लगा रहता था।

यीशु के दिनों में फरीसियों की पोशाक
यीशु के दिनों में फरीसियों की पोशाक

फरीसियों ने व्य 6:6-8 और 11:18 में कही गयी बात को शब्द-ब-शब्द लिया। वे खुद को बहुत धर्मी समझते थे और अंधविश्‍वासी थे, इसलिए वे अपने बाएँ हाथ पर ऐसी डिब्बी बाँधते थे जिसमें आयतें लिखकर रखी जाती थीं। कभी-कभी एक डिब्बी वे अपने माथे पर भी बाँधते थे। यही नहीं, फरीसी दूसरों से अलग नज़र आने के लिए अपने कपड़ों में काफी लंबी-लंबी झालर लगवाते थे, जबकि कानून में बस इतना कहा गया था कि लोग कपड़ों में झालर लगवाएँ।—गिन 15:38; मत 23:5.

सींगोंवाला साँप
सींगोंवाला साँप

यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले और यीशु, दोनों ने शास्त्रियों और फरीसियों को ‘साँप के सँपोलों’ कहा क्योंकि उनके दुष्ट काम और झूठी शिक्षाएँ भोले-भाले लोगों के लिए ज़हर की तरह थीं, जिससे लोगों का परमेश्‍वर के साथ रिश्‍ता टूट रहा था। (मत 3:7; 12:34) यहाँ तसवीर में सींगोंवाला साँप दिखाया गया है, जिसकी आँखों के ऊपर छोटे सींग हैं। इसराएल में दूसरे खतरनाक साँप भी पाए जाते हैं, जैसे पैलिस्टाइन वाइपर (वाइपेरा पैलिस्टाइना ) और यरदन की घाटी में पाया जानेवाला रेतीला साँप (सैंड वाइपर, वाइपेरा अमोडाइटेज़ )।

जूतियाँ
जूतियाँ

बाइबल के ज़माने में जूतियाँ सैंडल की तरह होती थीं। उनका तला चमड़े, लकड़ी या किसी रेशेदार चीज़ से बना होता था। जूतियों में चमड़े के फीते होते थे जिनसे इन्हें पैरों में बाँधा जाता था। जूतियाँ कुछ किस्म के लेन-देन की निशानी के तौर पर इस्तेमाल की जाती थीं या फिर कोई बात समझाने के लिए उनकी मिसाल दी जाती थी। उदाहरण के लिए, कानून का पालन करते हुए एक विधवा उस आदमी की जूती उतार देती थी, जो उसके साथ देवर-भाभी विवाह करने से इनकार कर देता था। ऐसे आदमी का अपमान करने के लिए कहा जाता था, “उसका घराना जिसकी जूती उतार दी गयी है।” (व्य 25:9, 10) जब कोई अपनी संपत्ति दूसरे के नाम करता था या छुड़ाने का अपना हक दूसरे को देता था तो निशानी के तौर पर वह अपनी जूती उतारकर उसे दे देता था। (रूत 4:7) किसी की जूतियों के फीते खोलना या उन्हें उठाना छोटा काम माना जाता था, जो अकसर एक गुलाम करता था। यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने इस रिवाज़ का ज़िक्र यह बताने के लिए किया कि वह मसीह की तुलना में छोटा है।

दाँवने के औज़ार
दाँवने के औज़ार

यहाँ तसवीर में दाँवने की पटिया की दो नकल हैं जिनका निचला हिस्सा (1) दिखाया गया है। पटिया के इस हिस्से में नुकीले पत्थर लगाए जाते थे। (यश 41:15) जैसे तसवीर (2) में दिखाया गया है, किसान खलिहान में अनाज के पूले फैला देता था और पटिया पर खड़े होकर उसे जानवर (जैसे बैल) से अनाज पर चलाता था। जानवर के खुरों से और पटिया के नीचे लगे नुकीले पत्थरों से अनाज के डंठल और बालें टूट जाती थीं और अनाज बाहर आ जाता था। फिर किसान अनाज फटकनेवाले काँटे या बेलचे (3) से दाँवा हुआ अनाज हवा में उछालता था। इससे भूसी हवा में उड़ जाती थी और अनाज नीचे ज़मीन पर गिर जाता था। दाँवने का काम इस बात की एकदम सही निशानी है कि यहोवा कैसे दुश्‍मनों का नाश करेगा। (यिर्म 51:33; मी 4:12, 13) यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने दाँवने की मिसाल देकर समझाया कि नेक लोगों को दुष्टों से कैसे अलग किया जाएगा।

अनाज फटकने का काम
अनाज फटकने का काम

किसान फटकनेवाले बेलचे से दाँवा हुआ अनाज हवा में उछालता था। इससे अनाज, जो भारी होता था, खलिहान में गिर जाता था और हलकी भूसी हवा में उड़ जाती थी। वह ऐसा तब तक करता था जब तक कि पूरा अनाज भूसी से अलग न हो जाए।

यरदन नदी
यरदन नदी

यूहन्‍ना ने यरदन नदी में यीशु को बपतिस्मा दिया था, मगर ठीक किस जगह पर दिया था, यह पता नहीं है।