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कहानी 109

पतरस की कुरनेलियुस से मुलाकात

पतरस की कुरनेलियुस से मुलाकात

यहाँ जो लोग खड़े हैं, उनमें सबसे आगे पतरस है। और उसके पीछे उसके दोस्त हैं। लेकिन एक आदमी पतरस के आगे घुटनों के बल क्यों झुका है? क्या उसे ऐसा करना चाहिए? वह है कौन?

उस आदमी का नाम कुरनेलियुस है। वह रोम की सेना में एक अफसर था और कैसरिया में रहता था। कुरनेलियुस पतरस को नहीं जानता था। मगर उससे कहा गया कि वह पतरस को अपने घर बुलाए। क्यों?

शुरू-शुरू में यीशु के जितने भी चेले बने, वे सब यहूदी थे। पर कुरनेलियुस यहूदी नहीं था। मगर वह परमेश्‍वर से प्यार करता था और उससे प्रार्थना करता था। वह लोगों के लिए अच्छे-अच्छे काम भी करता था। एक दिन दोपहर को एक स्वर्गदूत उसके सामने आया और उससे कहने लगा: ‘परमेश्‍वर तुमसे बहुत खुश है। वह तुम्हारी प्रार्थनाओं का जवाब देगा। अब कुछ लोगों को भेजकर पतरस नाम के आदमी को अपने घर बुला लो। वह याफा में समुंदर के किनारे शमौन के घर में रुका है।’

कुरनेलियुस ने पतरस को बुला लाने के लिए फौरन अपने कुछ आदमियों को भेजा। दूसरे दिन जब वे लोग याफा के पास पहुँचे, तब पतरस शमौन के घर की छत पर था। वहाँ परमेश्‍वर ने पतरस को दिखाया कि स्वर्ग से एक बड़ा-सा कपड़ा नीचे आ रहा है। उस कपड़े पर हर तरह के जानवर थे। परमेश्‍वर के नियम के मुताबिक, इन जानवरों को खाना मना था। फिर भी पतरस को एक आवाज़ सुनायी दी: ‘उठो पतरस। इन्हें मारो और खाओ।’

पतरस ने कहा: ‘नहीं, मैं इन्हें नहीं खा सकता! मैंने कभी कोई अशुद्ध चीज़ नहीं खायी है।’ लेकिन पतरस को फिर आवाज़ सुनायी दी: ‘जिसे परमेश्‍वर शुद्ध कहता है, उसे अशुद्ध मत कहो।’ ऐसा तीन बार हुआ। पतरस सोच ही रहा था कि इस सब का क्या मतलब है, तभी कुरनेलियुस के भेजे आदमी वहाँ पहुँच गए। और वे पतरस के बारे में पूछने लगे।

इतने में पतरस नीचे आया और उनसे कहा: ‘मैं ही पतरस हूँ। कहो, क्या बात है?’ उन लोगों ने पतरस को बताया कि एक स्वर्गदूत ने कुरनेलियुस से कहा है कि वह पतरस को अपने घर बुलाए। यह सुनकर पतरस उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गया। अगले दिन पतरस और उसके दोस्त कुरनेलियुस के घर के लिए निकले।

कुरनेलियुस ने अपने रिश्‍तेदारों और दोस्तों को अपने यहाँ बुला रखा था। जैसे ही पतरस अंदर आया, कुरनेलियुस उसे सलाम करने के लिए गया। वह उसके आगे घुटनों के बल झुक गया, जैसा कि आप इस तसवीर में देख सकते हैं। मगर पतरस ने उससे कहा: ‘उठो, मैं भी तुम्हारी तरह एक इंसान हूँ।’ जी हाँ, बाइबल कहती है कि किसी इंसान के आगे झुककर उसकी उपासना करना गलत है। हमें सिर्फ यहोवा की उपासना करनी चाहिए।

इसके बाद पतरस ने वहाँ इकट्ठा सभी लोगों को परमेश्‍वर के बारे में बताया। उसने कहा: ‘अब मैं जान गया हूँ कि परमेश्‍वर उन सब को अपना लेता है, जो उसकी सेवा करना चाहते हैं।’ वह यह कह ही रहा था कि परमेश्‍वर ने वहाँ बैठे सभी लोगों पर अपनी पवित्र शक्‍ति उँडेली और वे अलग-अलग भाषाओं में बात करने लगे। यह देखकर पतरस के साथ आए यहूदी चेलों को बड़ा ताज्जुब हुआ। वे सोचते थे कि परमेश्‍वर सिर्फ यहूदियों को पसंद करता है। लेकिन इस घटना से उन्हें यह सीख मिली कि परमेश्‍वर की नज़र में किसी भी जाति के लोग दूसरी जाति के लोगों से बढ़कर नहीं हैं। सभी लोग एक बराबर है। कितना अच्छा होगा, अगर हम भी इस बात को गाँठ बाँध लें।