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यीशु ने बढ़ई के तौर पर क्या काम किए होंगे?

यीशु का दत्तक पिता एक बढ़ई था और यीशु ने भी अपने पिता से वही काम सीखा। “करीब तीस साल” की उम्र में जब उसने परमेश्‍वर की सेवा शुरू की, तब वह न सिर्फ ‘बढ़ई के बेटे’ के तौर पर जाना जाता था, बल्कि खुद उसे भी लोग बढ़ई कहते थे।—लूका 3:23; मत्ती 13:55; मरकुस 6:3.

यीशु के नगर में खेती-बाड़ी की चीज़ों की काफी माँग रही होगी, जैसे हल और जुआ जो खासकर लकड़ी से बनाए जाते थे। बढ़ई, रोज़मर्रा काम में आनेवाले फर्नीचर भी बनाते थे। जैसे मेज़, कुर्सी, स्टूल, अलमारी। इनके अलावा वे दरवाज़े, खिड़कियाँ, लकड़ी के ताले और शहतीर भी बनाते थे। दरअसल बढ़ई के काम में निर्माण काम भी शामिल था।

एक दृष्टांत में यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले ने कुल्हाड़े का ज़िक्र किया। यह एक ऐसा औज़ार है जिसका इस्तेमाल यीशु और दूसरे बढ़ई पेड़ काटने के लिए करते होंगे। पेड़ काटने के बाद वे या तो उनके लट्ठे बनाते थे या फिर उन्हें दुकान में ले जाते थे। बेशक, यह बड़ी मेहनत का काम था। (मत्ती 3:10) बाइबल का एक लेखक यशायाह कुछ दूसरे औज़ारों की भी सूची बताता है, जो उसके ज़माने के बढ़ई इस्तेमाल करते थे: “बढ़ई सूत लगाकर टांकी से रेखा करता है और रन्दनी से काम करता और परकार से रेखा खींचता है, वह उसका आकार और मनुष्य की सी सुन्दरता बनाता है ताकि लोग उसे घर में रखें।” (यशायाह 44:13) खुदाई करने पर खोजकर्ताओं ने पाया कि उन दिनों धातु से बनी आरी, पत्थर के हथौड़े और ताँबे की कीलें इस्तेमाल होती थीं। (निर्गमन 21:6; यशायाह 10:15; यिर्मयाह 10:4) तो मुमकिन है कि बढ़ई के काम में यीशु ने भी इन औज़ारों का इस्तेमाल किया होगा। (w08 12/1)