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कौन हमें एक अच्छी ज़िंदगी का रास्ता दिखा सकता है?

कौन हमें एक अच्छी ज़िंदगी का रास्ता दिखा सकता है?

जैसा हमने पिछले लेखों में देखा, लोग अपना भविष्य अच्छा करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। कोई ज्योतिषियों के पास जाता है, तो कोई खूब पढ़ाई करता है या पैसा कमाता है। वहीं कुछ लोग सोचते हैं कि दूसरों का भला करने से उनका भला होगा। लेकिन ये सारे तरीके अपनाने के बाद भी लोग खुश नहीं हैं। अपनी ज़िंदगी सँवारने के लिए ये तरीके अपनाना ऐसा है मानो हम एक नयी जगह जाने के लिए उन लोगों से रास्ता पूछ रहे हों जो खुद उस जगह से अनजान हैं। तो हम अपना भविष्य अच्छा कैसे कर सकते हैं? इस बारे में कौन हमें सही-सही बता सकता है?

सबसे बढ़िया सलाह कौन दे सकता है?

कोई भी फैसला करने से पहले हम अकसर बड़े-बुज़ुर्गों से सलाह लेते हैं। उसी तरह एक अच्छे भविष्य के लिए हम एक ऐसी हस्ती से सलाह ले सकते हैं जो हमसे कहीं ज़्यादा बुद्धिमान है और जिसके पास बहुत अनुभव है। उसकी सलाह हम एक पवित्र किताब में पढ़ सकते हैं। इसका पहला हिस्सा आज से करीब 3,500 साल पहले लिखा गया था। इस पवित्र किताब को बाइबल कहा जाता है।

आप बाइबल में लिखी बातों पर क्यों यकीन कर सकते हैं? क्योंकि इसे परमेश्‍वर ने लिखवाया है और वह पूरे जहान में सबसे बुद्धिमान है। उससे ज़्यादा अनुभव और किसी के पास नहीं। वह “अति प्राचीन” है और ‘हमेशा से रहा है और हमेशा रहेगा।’ (दानियेल 7:9; भजन 90:2) वह सच्चा परमेश्‍वर है, ‘जिसने आकाश की सृष्टि की और पृथ्वी को रचा।’ (यशायाह 45:18) उसका नाम है यहोवा। उसने बाइबल में यह बात खुद लिखवायी है।​—भजन 83:18.

जिसने बाइबल लिखवायी है, उसी ने सब इंसानों को बनाया है, इसीलिए बाइबल में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि किसी एक जाति या भाषा के लोग दूसरों से बढ़कर हैं। इसमें जो सलाह दी है, उसे मानने से सालों पहले भी लोगों को फायदा हुआ था और आज भी हो रहा है, फिर चाहे वे किसी भी देश के हों। बाइबल हज़ारों भाषाओं में है और यह लाखों-करोड़ों की संख्या में बाँटी गयी है। * दुनिया में ऐसी कोई और किताब नहीं! इसीलिए दुनिया के हर कोने में लोग इसे समझ पाते हैं और उन्हें इससे फायदा होता है। इन बातों से पता चलता है कि बाइबल में लिखी यह बात बिलकुल सही है:

“परमेश्‍वर भेदभाव नहीं करता, मगर हर वह इंसान जो उसका डर मानता है और सही काम करता है, फिर चाहे वह किसी भी राष्ट्र का क्यों न हो, उसे वह स्वीकार करता है।”​—प्रेषितों 10:34, 35.

जैसे माता-पिता अपने बच्चों से प्यार करते हैं और उन्हें सही राह दिखाते हैं, उसी तरह परमेश्‍वर यहोवा भी हमसे बहुत प्यार करता है और अपने वचन बाइबल के ज़रिए हमें सही राह दिखाता है। (2 तीमुथियुस 3:16) हम उसकी लिखवायी किताब पर यकीन कर सकते हैं, आखिर यहोवा ने ही तो हमें बनाया है और वह जानता है कि हमारी भलाई किसमें है।

ऐसी ज़िंदगी पाने के लिए आपको क्या करना होगा? आइए अगले लेख में इस सवाल का जवाब जानें।

^ पैरा. 6 बाइबल के अनुवाद और छपाई के बारे में और जानने के लिए हमारी वेबसाइट www.jw.org पर जाइए और शास्त्र से जानिए > पवित्र शास्त्र और इतिहास भाग में देखिए।

^ पैरा. 16 और जानने के लिए 1 जनवरी, 2008 की प्रहरीदुर्ग  के पेज 22-24 पर दिया लेख, “यहोवा का वचन पत्थर की लकीर है” पढ़िए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है। यह www.jw.org पर उपलब्ध है। इस पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर लाइब्ररी > पत्रिकाएँ भाग में देखिए।