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कभी तनहा नहीं

कभी तनहा नहीं
  1. 1. कैसा धोखा दिया,

    तनहा हूँ रह गया!

    दुख ही अब मेरा साथी,

    हुआ दिल पत्थर की तरह।

    अपना नहीं कोई,

    बैरी हुए सभी।

    कौन बाँटे दर्द मेरा,

    पाऊँ दिलासा अब कहाँ?

    (कोरस)

    तनहा नहीं,

    मैं था कभी,

    ना हूँ अभी,

    संग मेरे याह!

    जाने वो सब,

    दिखता उसे,

    क्यों मैं डरूँ?

    सुनता मेरी।

    वो तो है संग मेरे,

    मैं तनहा नहीं।

  2. 2. भले जहान छूटे,

    छोड़ूँ ना मैं तुझे

    कि तुझ पे है भरोसा,

    दगा तू ना देगा मुझे।

    मेरी उम्मीद तू याह,

    तू ही है बल मेरा।

    हिम्मत मिले तुझी से,

    हर पल संग रहता तू मेरे।

    (कोरस)

    तनहा नहीं,

    मैं था कभी,

    ना हूँ अभी,

    संग मेरे याह!

    जाने वो सब,

    दिखता उसे,

    क्यों मैं डरूँ?

    सुनता मेरी।

    वो तो है संग मेरे,

    मैं तनहा नहीं,

    मैं था कभी,

    ना हूँ अभी,

    संग मेरे याह।

    जाने वो सब,

    दिखता उसे,

    क्यों मैं डरूँ,

    सुनता मेरी।

    वो तो है संग मेरे,

    मैं तनहा नहीं।