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पिग्मी जाति के लोगों तक बाइबल सच्चाई पहुँचाना

पिग्मी जाति के लोगों तक बाइबल सच्चाई पहुँचाना

पिग्मी जाति के लोगों तक बाइबल सच्चाई पहुँचाना

कैमरून में सजग होइए! लेखक द्वारा

दुनिया के 230 से भी ज़्यादा देशों में यहोवा के साक्षी, “सब मनुष्यों” तक परमेश्‍वर के राज्य का संदेश पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। (1 तीमुथियुस 2:4; मत्ती 24:14) इन मनुष्यों में अफ्रीका की पिग्मी जाति के लोग भी शामिल हैं, जो औसतन चार से साढ़े चार फीट [1.2 and 1.4 m] के होने की वजह से बहुत छोटे दिखते हैं। ये खासकर केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य, कॉन्गो के इलाके और दक्षिण-पूर्वी कैमरून के घने जंगलों में रहते हैं।

इतिहास बताता है कि पिग्मी जाति के लोग, बाहरवालों से पहली मरतबा तब मिले, जब मिस्र के फिरौन नेफेरिर्कारे ने एक दल को यह पता लगाने भेजा कि नील नदी की शुरूआत कहाँ से होती है। इस दल के लोगों ने बताया कि अफ्रीका के भीतरी इलाकों यानी जंगलों में उनकी मुलाकात नाटे इंसानों से हुई। बाद में यूनानी लेखक होमर और तत्त्वज्ञानी अरस्तू, दोनों ने पिग्मी जाति के लोगों का ज़िक्र किया। और 16वीं और 17वीं सदी के दौरान यूरोपीय लोग इनके संपर्क में आए।

आज यहोवा के साक्षी अफ्रीका के इन्हीं जंगलों में जाकर प्रचार कर रहे हैं। हालाँकि पिग्मी जाति के लोग राज्य संदेश में दिलचस्पी दिखाते हैं, मगर इनके साथ वापसी भेंट करना ज़्यादातर मुश्‍किल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये खानाबदोशों की ज़िंदगी जीते हैं यानी ये किसी एक जगह पर, दो या तीन महीने से ज़्यादा नहीं टिकते।

कहा जाता है कि ये बड़े शांत स्वभाव के सीधे-सादे लोग हैं और अनुमान लगाया गया है कि अफ्रीका में इनकी आबादी 1,50,000 से 3,00,000 तक है। सरकार, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और चर्चों ने खास तौर पर इनके लिए स्कूल बनाए, साथ ही ऐसे छोटे-छोटे घर बनाए जो उनके रहन-सहन से मेल खाते हों। इस तरह लुभावने तरीकों से इन्हें एक जगह बसाने की कई कोशिशें की गयीं, मगर सब-की-सब नाकाम रही हैं।

मगर कैमरून का रहनेवाला, ज़ॉन्व्ये अम्बाकी दूसरे पिग्मी लोगों से बिलकुल अलग है। यह बात जानी-मानी है कि यहाँ पिग्मी जाति का यह पहला इंसान है जो साक्षी बना। उसने तसवीरों और दृष्टाँतों से भरी किताब, आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं * और दूसरे साहित्य पढ़े, जिसके बाद उसने बाइबल का संदेश कबूल किया। सन्‌ 2002 में, ज़ॉन्व्ये ने बपतिस्मा लिया और अब पायनियर के तौर पर सेवा कर रहा है। यहोवा के साक्षी पूरे समय के प्रचारकों को पायनियर कहते हैं। वह अपनी मसीही कलीसिया में सहायक सेवक भी है। यह कलीसिया दक्षिण-पूर्वी कैमरून में, अम्बान्ग नाम के एक छोटे-से कस्बे में है। अब यह तो वक्‍त ही बताएगा कि कैमरून में पिग्मी जाति के दूसरे लोग भी, एकमात्र सच्चे परमेश्‍वर यहोवा की उपासना करने का चुनाव करेंगे या नहीं, जो “सब मनुष्यों” से प्यार करता है। (g04 8/22)

[फुटनोट]

^ इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है, लेकिन अब इसकी छपाई बंद हो चुकी है।

[पेज 28 पर तसवीर]

ज़ॉन्व्ये अम्बाकी—प्रचार करते हुए। माना जाता है कि कैमरून में पिग्मी जाति का यह पहला इंसान है जो साक्षी बना