इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

“आपका बहुत-बहुत शुक्रिया”

“आपका बहुत-बहुत शुक्रिया”

“आपका बहुत-बहुत शुक्रिया”

कॆरल नाम की एक लड़की ने यहोवा के साक्षियों की कनाडा ब्रांच को एक खत लिखा। उसने खत में यह लिखा, “मार्च 8, 1998 की सजग होइए! पत्रिका में मस्तिष्क-आघात पर छापे गए लेख की वज़ह से मेरी मम्मी की जान बच गई।” एक दिन कॆरल की मम्मी को महसूस हुआ कि उनका बाँया हाथ सुन्‍न हो गया है, और अगली सुबह उन्हें देखने में भी परेशानी होने लगी थी। कॆरल आगे लिखती है, “मम्मी चैकअप के लिए अगले दिन जाना चाहती थी। इसलिए मैंने उनसे ज़ोर देकर कहा कि आप सजग होइए! पत्रिका में मस्तिष्क-आघात पर छापे गये लेख ज़रूर पढ़िए। 15 मिनट भी नहीं हुए थे कि मम्मी ने मुझे बुलाया और कहा, बेटी, अच्छा यही होगा कि मैं इसी वक्‍त अस्पताल जाऊँ। फिर मम्मी को अस्पताल में रात-भर जाँच-पड़ताल के लिए रखा गया। सुबह डॉक्टरों ने बताया कि जाँच से पता चलता है कि आपकी मम्मी को कभी-भी मस्तिष्क-आघात हो सकता है। आखिर में डॉक्टरों का यही कहना था कि मेरी मम्मी ने फौरन अस्पताल आने में बड़ी अकलमंदी दिखाई है। मैं आपको उन लेखों के लिए तहे दिल से शुक्रिया कहती हूँ!”

आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि स्वस्थ शरीर और मन की शान्ति बनाए रखने के लिए बाइबल में बहुत-सी सलाह दी गई हैं जो बहुत फायदेमंद हैं। सब लोगों के लिए एक किताब, नामक 32 पेजवाले एक बेहतरीन ब्रोशर के 20, 21, 25 और 26 पेज में आप इस बात का सबूत देख सकते हैं। हमें आपको इस ब्रोशर के बारे में और ज़्यादा जानकारी देने में बहुत खुशी होगी। अगर आप जानकारी पाना चाहते हैं तो हम अपने किसी सदस्य को आपके पास भेज सकते हैं। इसके लिए आप इस कूपन को भरिए और इस पर दिए गए पते या अपनी सहूलियत के मुताबिक पेज 5 पर दिए किसी पते पर कूपन को भेजिए।

□ मेरे पास अपने एक सदस्य को भेजें।

□ मुफ्त गृह बाइबल अध्ययन के लिए कृपया मुझसे संपर्क करें।