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पाठ 10

यीशु, दुष्ट स्वर्गदूतों से ज़्यादा ताकतवर

यीशु, दुष्ट स्वर्गदूतों से ज़्यादा ताकतवर

क्या आपको याद है, परमेश्वर का एक स्वर्गदूत शैतान क्यों बन गया था?— असल में वह चाहता था कि लोग उसकी उपासना करें। इसी बुरी इच्छा की वजह से वह परमेश्वर के खिलाफ बातें करने लगा। क्या इस गलत काम में दूसरे स्वर्गदूतों ने भी शैतान का साथ दिया?— हाँ। दूसरे कुछ स्वर्गदूतों ने भी उसका साथ दिया। इन्हें बाइबल ‘शैतान के स्वर्गदूत’ या दुष्ट स्वर्गदूत कहती है।—प्रकाशितवाक्य 12:9.

क्या ये दुष्ट स्वर्गदूत परमेश्वर को मानते हैं?— बाइबल कहती है, ‘दुष्ट स्वर्गदूत मानते हैं कि परमेश्वर है।’ (याकूब 2:19) लेकिन अब वे परमेश्वर से डरते हैं। डरते हैं? क्यों? क्योंकि वे जानते हैं कि उन्होंने जो बुरे काम किए हैं, परमेश्वर उन्हें उनकी सज़ा देगा। आखिर उन्होंने क्या बुरे काम किए हैं?—

देखा जाए तो परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को स्वर्ग में रहने के लिए बनाया था। लेकिन उन बुरे स्वर्गदूतों ने अपना घर छोड़ दिया और धरती पर आकर इंसानों के रूप में रहने लगे। उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्योंकि वे सुंदर-सुंदर स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध रखना चाहते थे। (उत्पत्ति 6:1, 2; यहूदा 6) क्या आप जानते हो, शारीरिक संबंध किसे कहते हैं?—

जब एक स्त्री और पुरुष खास तरीके से एक-दूसरे को प्यार करते हैं और बहुत करीब आते हैं तो उसे शारीरिक संबंध कहा जाता है। इस संबंध की वजह से एक स्त्री गर्भवती होती और उसके पेट में बच्चा बढ़ने लगता है। लेकिन स्वर्गदूतों के लिए शारीरिक संबंध रखना गलत है। परमेश्वर चाहता है कि वही स्त्री-पुरुष आपस में शारीरिक संबंध रखें जिनकी एक-दूसरे से शादी हुई है। इस तरह जब एक स्त्री बच्चे को जन्म देती है, तो पति-पत्नी दोनों मिलकर उस बच्चे की देखभाल कर पाते हैं।

इन स्वर्गदूतों ने क्या बुरा काम किया?

जब स्वर्गदूतों ने धरती पर इंसानों का रूप धारण किया और स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध रखे, तो उनके जो बच्चे हुए वे बाकी बच्चों से अलग थे। वह कैसे? वे बच्चे बड़े भयंकर डील-डौलवाले, लंबे-चौड़े थे। बाइबल उन्हें नेफिलीम कहती है। वे लोगों को मारते-पीटते थे और उन्हें नुकसान पहुँचाते थे। इसलिए परमेश्वर ने फैसला किया कि वह धरती पर से दुष्ट लोगों और स्वर्गदूतों के इन बच्चों को नाश कर डालेगा। तब यहोवा ने इतना पानी बरसाया कि पूरी धरती पर बाढ़ आ गयी और उसमें सब-के-सब डूबकर नाश हो गए। मगर बाढ़ लाने से पहले परमेश्वर ने नूह नाम के एक आदमी से कहा कि वह एक बहुत बड़ा पानी का जहाज़ बनाए, ताकि कुछ अच्छे लोग बच सकें। महान शिक्षक यीशु ने कहा था कि नूह के दिनों में जो बाढ़ आयी, उसे याद रखना बहुत ज़रूरी है।—उत्पत्ति 6:3, 4, 13, 14; लूका 17:26, 27.

जब धरती पर बाढ़ आयी, तो पता है उन बुरे स्वर्गदूतों का क्या हुआ?— उन्होंने अपना इंसानी शरीर छोड़ दिया और फिर से स्वर्गदूत बनकर स्वर्ग लौट गए। मगर क्या वे दोबारा परमेश्वर के अच्छे स्वर्गदूतों में जा मिले? नहीं, परमेश्वर ने उन्हें ठुकरा दिया। इसलिए वे शैतान के स्वर्गदूत या दुष्ट स्वर्गदूत बन गए। लेकिन धरती पर स्वर्गदूतों के बच्चों का क्या हुआ?— वे सभी बाढ़ में डूबकर मर गए। उनके साथ-साथ वे लोग भी मर गए जिन्होंने परमेश्वर की बात नहीं मानी।

आज धरती पर पहले से ज़्यादा दुख-तकलीफें क्यों हैं?

उस समय के बाद से, दुष्ट स्वर्गदूत इंसानों का शरीर धारण नहीं कर सकते क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया है। यह सच है कि हम दुष्ट स्वर्गदूतों को देख नहीं सकते, पर वे आज भी लोगों को बहुत बुरे-बुरे काम करने के लिए उकसाते हैं। वे आज इंसानों पर पहले से भी ज़्यादा दुख-तकलीफें ला रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि उन्हें स्वर्ग से धरती पर फेंक दिया गया है।

क्या आप जानते हो कि हम दुष्ट स्वर्गदूतों को क्यों नहीं देख सकते?— क्योंकि उनका शरीर हमारी तरह हाड़-माँस का नहीं है, वे आत्मिक प्राणी हैं। लेकिन इस बात पर हमें बिलकुल शक नहीं कि वे आज इस धरती पर मौजूद हैं। बाइबल कहती है कि शैतान ‘पूरी धरती के लोगों को गुमराह कर रहा है।’ और इस काम में दुष्ट स्वर्गदूत उसका साथ दे रहे हैं।—प्रकाशितवाक्य 12:9, 12.

क्या शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूत हमें भी गुमराह कर सकते हैं या बेवकूफ बना सकते हैं?— बिलकुल, अगर हम सावधान न रहें तो वे हमें भी बेवकूफ बना सकते हैं। लेकिन हमें डरने की ज़रूरत नहीं है। महान शिक्षक ने कहा था: ‘मुझ पर शैतान का कोई ज़ोर नहीं चलता।’ अगर हम परमेश्वर से अपनी दोस्ती मज़बूत बनाए रखें और उसकी बात मानते रहें, तो वह हमें शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों से बचाएगा।—यूहन्ना 14:30.

हमें यह जानना चाहिए कि दुष्ट स्वर्गदूत हमसे क्या-क्या बुरे काम करवाने की कोशिश करते हैं। अच्छा बताओ, दुष्ट स्वर्गदूतों ने धरती पर आकर कौन-से बुरे काम किए थे?— बाढ़ आने से पहले उन्होंने स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध रखे, जो कि गलत था। परमेश्वर ने साफ-साफ बताया है कि किन लोगों को एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध रखना चाहिए। आज जब लोग परमेश्वर के इस नियम को नहीं मानते, तो दुष्ट स्वर्गदूतों को बहुत खुशी होती है। चलो बताओ, शारीरिक संबंध सिर्फ किन लोगों को रखना चाहिए?— ठीक कहा, सिर्फ उन्हीं स्त्री-पुरुषों को जिनकी एक-दूसरे से शादी हुई है।

आज कुछ लड़के-लड़कियाँ आपस में शारीरिक संबंध रखते हैं, जबकि उनका ऐसा करना गलत है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने स्त्री और पुरुषों के लैंगिक अंगों को बनाया है। यहोवा ने शरीर के इन अंगों को एक खास मकसद से बनाया है, जिसका आनंद सिर्फ शादीशुदा लोगों को ही उठाना चाहिए। मगर जब लोग यहोवा के नियम के खिलाफ कोई काम करते हैं, तब दुष्ट स्वर्गदूतों को बड़ी खुशी होती है। जैसे, जब एक लड़का और लड़की एक-दूसरे के लैंगिक अंगों को छूते हैं, तो यह देखकर दुष्ट स्वर्गदूतों को अच्छा लगता है। पर क्या हम दुष्ट स्वर्गदूतों को खुश करना चाहते हैं?—

एक और काम से दुष्ट स्वर्गदूत खुश होते हैं, मगर यहोवा उससे नफरत करता है। पता है वह क्या है? — वह है हिंसा। (भजन 11:5) जब लोग दूसरों को मारते-पीटते हैं और खून-खराबा करते हैं, तो ऐसे कामों को हिंसा कहते हैं। याद है, यही तो दुष्ट स्वर्गदूतों के बेटे यानी नेफिलीम किया करते थे।

लोगों को डराने में भी दुष्ट स्वर्गदूतों को बड़ा मज़ा आता है। कभी-कभी वे मरे हुए लोगों का रूप धर लेते हैं। यहाँ तक कि वे उनकी जैसी आवाज़ें भी निकाल सकते हैं। इस तरह दुष्ट स्वर्गदूत लोगों को बेवकूफ बनाते हैं कि मरे हुए आज भी जिंदा हैं और लोगों से बात कर सकते हैं। इन दुष्ट स्वर्गदूतों की वजह से ही बहुत-से लोग भूत-पिशाचों में विश्वास करने लगते हैं।

इसलिए हमें शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों के चंगुल में फँसने से खबरदार रहना चाहिए। बाइबल कहती है: ‘शैतान अपने आपको अच्छा स्वर्गदूत दिखाने की कोशिश करता है। उसी तरह उसके सेवक भी करते हैं।’ (2 कुरिंथियों 11:14, 15) मगर असल में शैतान के स्वर्गदूत बहुत बुरे हैं। आइए देखें कि वे कैसे हमसे अपनी तरह गंदे काम करवाने की कोशिश करते हैं।

आपको क्या लगता है, लोग मार-धाड़, गलत शारीरिक संबंधों, भूत-पिशाचों के बारे में कहाँ से सीखते हैं?— क्या ये सब बातें टी.वी. के कुछ कार्यक्रमों, फिल्मों, कंप्यूटर और वीडियो गेम, इंटरनेट और कॉमिक्स में देखने-पढ़ने को नहीं मिलतीं? इन गलत कामों को करने से हम परमेश्वर से दोस्ती कर रहे होंगे, या शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों से? आप क्या सोचते हो?—

अगर हम टी.वी. पर मार-धाड़ देखते हैं, तो क्या हो सकता है?

आपको क्या लगता, कौन चाहता है कि हम बुरी बातें देखें-सुनें?— बिलकुल ठीक कहा, शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूत। तो फिर आपको और मुझे क्या करने की ज़रूरत है?— हमें अच्छी बातें पढ़नी, सुननी और देखनी चाहिए, जिससे हम यहोवा की सेवा कर पाएँगे। तो ज़रा बताओ, ऐसे कौन-से अच्छे काम हैं जिन्हें हम कर सकते हैं?—

हम कौन-सा अच्छा काम कर सकते हैं?

अगर हम सही काम करते हैं, तो हमें दुष्ट स्वर्गदूतों से डरने की कोई ज़रूरत नहीं। यीशु इन दुष्ट स्वर्गदूतों से कहीं ज़्यादा ताकतवर है और वे यीशु से थर-थर काँपते हैं। एक दिन कुछ दुष्ट स्वर्गदूतों ने चिल्लाकर यीशु से कहा: “क्या तू हमें नाश करने आया है?” (मरकुस 1:24) जब यीशु, शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को नाश करेगा, उस वक्‍त क्या हम खुश नहीं होंगे?— आइए उस वक्‍त के आने तक हम यीशु और स्वर्ग में रहनेवाले उसके पिता से दोस्ती बनाए रखें। अगर हम ऐसा करेंगे तो यीशु, दुष्ट स्वर्गदूतों से हमारी रक्षा करेगा।

आइए 1 पतरस 5:8, 9 और याकूब 4:7, 8 पढ़कर देखें कि हमें क्या करने की ज़रूरत है।