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गीत 5

यहोवा के बेजोड़ काम

यहोवा के बेजोड़ काम

(भजन 139)

  1. याह, तू जाने मुझको करीब से,

    मानो किताब हूँ हाथों में तेरे;

    गर चुप रहूँ तो पढ़ लेता मन मेरा,

    मेरे विचार, हर इक ख्वाहिश,

    तू सब परखे।

    देखा है मुझको तब से तूने,

    जब मेरी माँ भी थी मुझसे अनजान,

    जब अंग मेरे बुने ही जा रहे थे,

    देखके करिश्‍मा ये तेरा

    हूँ मैं हैरान!

    ऐसी कोई जगह नहीं जहान में,

    ना प-हुँ-चे जहाँ नज़र तेरी;

    गहरा सागर या अंबर की ऊँचाई,

    गर मिट्टी में मिलूँ देखे तब भी।

    बेजोड़ हैं तेरे काम यहोवा,

    तेरी बुद्‌-धि और ताकत, क्या कहूँ!

    देता हरदम तू मुझको इतना साहस,

    घेरे अगर अँधेरा भी

    तो ना डरूँ।

(भज. 66:3; 94:19; यिर्म. 17:10 भी देखें।)