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15-21 मई
  • गीत 49 और प्रार्थना

  • आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

  • यहोवा हरेक को उसके काम के मुताबिक फल देगा”: (10 मि.)

    • यिर्म 39:4-7—सिदकियाह को यहोवा की आज्ञा तोड़ने के अंजाम भुगतने पड़े (इंसाइट-2 पेज 1228 पै 4)

    • यिर्म 39:15-18—एबेद-मेलेक ने यहोवा पर भरोसा रखा, इसलिए यहोवा ने उसे आशीष दी (प्र12 5/1 पेज 31 पै 5, अँग्रेज़ी)

    • यिर्म 40:1-6—यहोवा ने अपने वफादार सेवक यिर्मयाह की देखभाल की (इंसाइट-2 पेज 482)

  • ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)

    • यिर्म 42:1-3; 43:2, 4—योहानान की गलती से हम कौन-से सबक सीखते हैं? (प्र03 5/1 पेज 10 पै 10)

    • यिर्म 43:6, 7—इन आयतों में बतायी घटनाएँ क्या मायने रखती हैं? (इंसाइट-1 पेज 463 पै 4)

    • इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?

    • इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?

  • पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) यिर्म 40:11–41:3

बढ़ाएँ प्रचार में हुनर

  • पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) यश 46:10—सच्चाई सिखाइए। वापसी भेंट के लिए बुनियाद डालिए।

  • अगली मुलाकात: (4 मि. या उससे कम) प्रक 12:7-9, 12—सच्चाई सिखाइए। अगली मुलाकात के लिए बुनियाद डालिए।

  • बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) सिखाती है पेज 160-161 पै 19-20—विद्यार्थी को सभा में बुलाइए।

जीएँ मसीहियों की तरह