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नफरत करना कैसे छोड़ें?

2 | बदला न लें

2 | बदला न लें

बाइबल में लिखा है:

‘किसी को भी बुराई का बदला बुराई से मत दो। जहाँ तक हो सके, सबके साथ शांति बनाए रखने की पूरी कोशिश करो। बदला मत लो क्योंकि लिखा है, “यहोवा कहता है, ‘बदला लेना मेरा काम है, मैं ही बदला चुकाऊँगा।’”’​रोमियों 12:17-19.

इसका क्या मतलब है?

अगर कोई हमारे साथ बुरा करे, तो हमें ज़रूर गुस्सा आएगा। फिर भी हमें बदला नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ईश्‍वर को यह पसंद नहीं। वह चाहता है कि हम मामला उसके हाथ में छोड़ दें, क्योंकि वक्‍त आने पर वह सबकुछ ठीक कर देगा और हमें इंसाफ दिलाएगा।​—भजन 37:7, 10.

आप क्या कर सकते हैं?

बदला लेने से बात और बिगड़ जाती है, नफरत की आग बुझने के बजाय बढ़ जाती है। इसलिए अगर कोई आपको ठेस पहुँचाए या आपका नुकसान करे, तो उससे बदला मत लीजिए। अपने गुस्से को काबू में रखिए और शांति से काम लेने की कोशिश कीजिए। जो हुआ है, उसे भूल जाना कभी-कभी बेहतर होता है। (नीतिवचन 19:11) लेकिन कुछ मामलों में शायद आपको लगे कि उन्हें निपटाना ही सही रहेगा। जैसे अगर आपके यहाँ चोरी या डकैती हो जाए, तो पुलिस में रिपोर्ट करना आपको शायद सही लगे।

बदला लेने से खुद का ही नुकसान होता है

मान लीजिए आपने मामले को शांति से निपटाने के लिए अपनी तरफ से सबकुछ किया, फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ। और आपको कोई और रास्ता नहीं सूझ रहा। तो आपको क्या करना चाहिए? बदला मत लीजिए। ऐसा करने से मामला और बिगड़ जाएगा। नफरत को मन से निकाल दीजिए। ईश्‍वर पर भरोसा रखना सीखिए। वही सबसे अच्छी तरह मामले को निपटाएगा। बाइबल में लिखा है, ‘यहोवा पर भरोसा रख, वह तेरी खातिर कदम उठाएगा।’​—भजन 37:3-5.