भाग 9 में क्या है
इस भाग में हम ऐसे बच्चों, भविष्यवक्ताओं और राजाओं के बारे में सीखेंगे जिन्हें यहोवा पर मज़बूत विश्वास था। सीरिया में एक छोटी-सी इसराएली लड़की को विश्वास था कि यहोवा का भविष्यवक्ता, नामान की बीमारी ठीक कर देगा। भविष्यवक्ता एलीशा को पूरा भरोसा था कि यहोवा उसे दुश्मन की सेना से बचाएगा। महायाजक यहोयादा ने अपनी जान खतरे में डालकर छोटे यहोआश को उसकी दादी अतल्याह से बचाया जो एक बुरी औरत थी। राजा हिजकियाह को भरोसा था कि यहोवा यरूशलेम को बचाएगा, इसलिए वह अश्शूरी लोगों की धमकी से नहीं डरा। राजा योशियाह ने देश से मूर्तिपूजा दूर कर दी, मंदिर की मरम्मत करायी और सच्ची उपासना दोबारा शुरू करवायी।
इस भाग में
पाठ 51
एक बड़ा सेनापति और एक छोटी लड़की
एक छोटी इसराएली लड़की अपनी मालकिन को यहोवा की महाशक्ति के बारे में बताती है और इस वजह से एक चमत्कार होता है।
पाठ 52
आग की लपटों जैसी यहोवा की सेना
एलीशा का सेवक कैसे देख पाता है कि “उनके साथ जितने हैं उनसे कहीं ज़्यादा हमारे साथ हैं”?
पाठ 53
यहोयादा की हिम्मत
यहोवा का एक वफादार याजक एक दुष्ट रानी के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत करता है।
पाठ 54
यहोवा योना के साथ सब्र से पेश आया
ऐसा क्या हुआ कि परमेश्वर के एक भविष्यवक्ता को एक बड़ी मछली ने निगल लिया? वह कैसे बाहर आया? यहोवा ने योना को क्या सीख दी?
पाठ 55
यहोवा के स्वर्गदूत ने हिजकियाह की रक्षा की
यहूदा के दुश्मन कहते हैं कि यहोवा अपने लोगों को नहीं बचाएगा, मगर वे गलत सोच रहे हैं!
पाठ 56
योशियाह को परमेश्वर के कानून से बहुत प्यार था
योशियाह 8 साल की उम्र में यहूदा का राजा बनता है और अपने लोगों को यहोवा की उपासना करने में मदद देता है।