गीत 112
यहोवा, शांति का परमेश्वर
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1. याह, वादा है तेरा,
हमें शांति तू देगा।
शक्-ति तेरी तुझसे माँगें;
फल जिसका हम में बढ़े।
किया है बेटे पे,
हाँ, विश्वास हमने दिल से;
हैं बन पाए दोस्त हम तेरे
और सुलह हुई तुझसे।
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2. पवित्र शक्-ति से
शास्त्र की समझ मिले;
इसके तेज से राह दिख जाए
इस अंधेरी दुन्-या में।
हमारी है दुआ,
आए शांति का समाँ;
जब तलक वो दिन ना आए,
तुझसे शांति हम चाहें।
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3. प्यार से सौंपा तूने
काम गवाही का हमें;
जोड़ा तूने, सब एक होके
ऐलाँ राज का हैं करते।
हुकूमत नेक तेरी
जल्द ही शांति लाएगी;
नम्र लोग फिर खिल उठेंगे
बनके वारिस धरती के।
(भज. 4:8; फिलि. 4:6, 7; 1 थिस्स. 5:23 भी देखें।)