भजन 8:1-9
दाविद का सुरीला गीत। गित्तीत* के सिलसिले में निर्देशक के लिए हिदायत।
8 हे यहोवा हमारे प्रभु, पूरी धरती पर तेरा नाम क्या ही गौरवशाली है!तूने अपना वैभव आसमान से भी ऊँचे तक फैलाया है!*+
2 तूने अपने बैरियों की वजह सेनन्हे-मुन्नों और दूध-पीते बच्चों के मुँह से+ अपनी ताकत दिखायी हैताकि दुश्मन और बदला लेनेवाले को खामोश कर सके।
3 जब मैं आसमान को निहारता हूँ जो तेरी हस्तकला है,जब मैं चाँद-सितारों को देखता हूँ जो तेरी रचना हैं,+
4 तो मैं सोच में पड़ जाता हूँ,‘नश्वर इंसान है ही क्या कि तू उसका खयाल रखे?इंसान है ही क्या कि तू उसकी परवाह करे?’+
5 तूने उसे स्वर्गदूतों से कुछ कमतर बनाया,*उसे महिमा और वैभव का ताज पहनाया।
6 उसे अपने हाथ की रचनाओं पर अधिकार दिया,+सबकुछ उसके पैरों तले कर दिया:
7 भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल, जंगली जानवर,+
8 आसमान के पंछी, समुंदर की मछलियाँ,पानी में तैरनेवाले सारे जीव।
9 हे यहोवा हमारे प्रभु, पूरी धरती पर तेरा नाम क्या ही गौरवशाली है!
कई फुटनोट
^ या शायद, “तेरे वैभव के चर्चे आसमान के ऊपर होते हैं!”
^ या “उसे उनसे कमतर बनाया जो ईश्वर जैसे हैं।”