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वे “राह जानते” थे

वे “राह जानते” थे

भाई गाइ हॉलिस पीयर्स ने, जो यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय के सदस्य थे, मंगलवार, 18 मार्च, 2014 को धरती पर अपना जीवन खत्म किया। वे 79 साल के थे, जब मसीह के भाई के नाते स्वर्ग में पुनरुत्थान पाने की उनकी आशा पूरी हुई।—इब्रा. 2:10-12; 1 पत. 3:18.

भाई गाइ पीयर्स का जन्म 6 नवंबर, 1934 को ऑबर्न, कैलिफोर्निया, अमरीका में हुआ था। उनका बपतिस्मा 1955 में हुआ था। उन्होंने बहन पैनी से 1977 में शादी की और दोनों ने मिलकर अपने बच्चों की परवरिश की। वे खुद एक पिता थे, इसलिए वे सभी के साथ पिता की तरह पेश आते थे। उन्होंने 1982 में अपनी प्यारी पत्नी के साथ मिलकर पायनियर सेवा शुरू की और 1986 से अमरीका में सर्किट निगरान के तौर पर सेवा करने लगे। अगले 11 साल तक वे इस काम में लगे रहे।

गाइ और पैनी पीयर्स 1997 में अमरीका के बेथेल परिवार के सदस्य बने। भाई पीयर्स ने सेवा विभाग में काम किया और 1998 में उन्हें शासी निकाय की बेथेल स्वयंसेवक-समिति के मददगार के तौर पर नियुक्‍त किया गया। फिर 2 अक्टूबर, 1999 को रखी गयी वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ पेन्सिलवेनिया की सालाना सभा में यह घोषणा की गयी कि भाई पीयर्स को शासी निकाय के सदस्य के तौर पर नियुक्‍त किया गया है। हाल के सालों में उन्होंने बेथेल स्वयंसेवक-समिति, लेखन-समिति, प्रकाशन-समिति और प्रबंधक-समिति के साथ काम किया था।

भाई पीयर्स के चेहरे पर हमेशा एक प्यारी-सी मुसकान रहती थी और वे बहुत ही मज़ाकिया किस्म के शख्स थे, जिस वजह से अलग-अलग माहौल और संस्कृति में पले-बढ़े लोग उनके पास बेझिझक चले आते थे। लेकिन उनके जो गुण लोगों को सबसे ज़्यादा भाते थे, वे थे उनका प्यार, उनकी नम्रता, परमेश्‍वर के नियमों और सिद्धांतों के लिए उनका आदर और यहोवा पर उनका पूरा भरोसा। भाई पीयर्स अकसर कहते थे कि सूरज भी शायद एक बार निकलने से चूक जाए, मगर यहोवा अपने वादे पूरे करने से कभी नहीं चूक सकता। और वे यह सच्चाई पूरी दुनिया के साथ बाँटना चाहते थे।

भाई पीयर्स यहोवा की सेवा में दिन-रात एक कर देते थे। वे तड़के सुबह उठा करते थे और अकसर देर रात तक काम किया करते थे। अपने भाई-बहनों का हौसला बढ़ाने के लिए वे दुनिया के कोने-कोने तक गए। और इतने व्यस्त होने के बावजूद भी उनके पास दूसरों के साथ वक्‍त बिताने, उनकी मदद करने, उनके साथ संगति करने और उन्हें अच्छी सलाह देने के लिए हमेशा वक्‍त होता था। आज कई सालों बाद भी मसीही भाई-बहन उनकी मेहमान-नवाज़ी, उनकी दोस्ती और बाइबल से दिए गए हौसले को खुशी-खुशी याद करते हैं।

भाई पीयर्स, जो हमारे प्यारे भाई और दोस्त थे, वाकई अपनी पत्नी, अपने 6 बच्चों, नाती-पोतों और परपोतों को बहुत याद आएँगे। उनके कई आध्यात्मिक बच्चे भी हैं, जो उन्हें याद करेंगे। शासी निकाय के संगी सदस्य, भाई मार्क सैंडरसन ने शनिवार, 22 मार्च, 2014 को ब्रुकलिन बेथेल में भाई पीयर्स की मौत पर स्मारक भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में भाई पीयर्स की स्वर्ग की आशा के बारे में बात की और यीशु के कहे ये शब्द पढ़े: “मेरे पिता के घर में रहने की बहुत-सी जगह हैं। . . . और जब मैं जाकर तुम्हारे लिए जगह तैयार करूँगा, तो मैं दोबारा आ रहा हूँ और तुम्हें अपने घर ले जाऊँगा ताकि जहाँ मैं हूँ वहीं तुम भी रह सको। मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ की राह जानते हो।”—यूह. 14:2-4.

वाकई, भाई पीयर्स हमें बहुत याद आएँगे। लेकिन हमें इस बात की खुशी है कि वे अपनी हमेशा की ‘रहने की जगह’ की “राह जानते” थे।