प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण जून 2014

इस अंक में 4-31 अगस्त, 2014 के अध्ययन लेख दिए गए हैं।

तरक्की करने के लिए ‘अपने मार्ग को [समतल] कर’

आप रुकावटों को हटाकर, अपने आध्यात्मिक लक्ष्य कैसे हासिल कर सकते हैं?

आपने पूछा

क्या मसीहियों का शवदाह करना सही होगा?

तलाकशुदा भाई-बहनों की मदद कीजिए—कैसे?

जानिए कि तलाकशुदा लोग किन हालात और भावनाओं से गुज़रते हैं।

‘तुझे अपने परमेश्‍वर यहोवा से प्यार करना है’

जानिए कि जब यीशु ने कहा कि हमें यहोवा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना है, तो उसका क्या मतलब था।

“तुझे अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना है जैसे तू खुद से करता है”

जब यीशु ने कहा कि हमें अपने पड़ोसी से वैसा ही प्यार करना है जैसे हम खुद से करते हैं, तो उसका क्या मतलब था? हम यह कैसे कर सकते हैं?

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ ध्यान से पढ़ी हैं? खुद की जाँच कीजिए और देखिए कि आपको कितना याद है।

क्या आप इंसानों की कमज़ोरियों को यहोवा की नज़र से देखते हैं?

आप उन भाई-बहनों के बारे में सही नज़रिया रख सकते हैं, जो शायद कमज़ोर लगते हैं।

दूसरों को अपनी काबिलीयतों का पूरा-पूरा इस्तेमाल करने में मदद दीजिए

हम जवानों और नए बपतिस्मा-शुदा भाइयों को तरक्की करने में मदद कैसे दे सकते हैं?