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सबके लिए सेहतमंद खाना जल्द ही!

सबके लिए सेहतमंद खाना जल्द ही!

सबके लिए सेहतमंद खाना जल्द ही!

आप अपने खाने को सुरक्षित रखने के लिए कुछ कारगर कदम उठा सकते हैं। लेकिन कई बातें आपके बस के बाहर होती हैं। जैसे कि आप खरीदने या पकाने से पहले हर चीज़ की जाँच नहीं कर सकते। शायद आपको खाने की ऐसी चीज़ खरीदनी पड़े जो बहुत दूर तैयार की गयी हो और वहाँ से लायी गयी हो। यह भी हो सकता है कि कुछ चीज़ें हवा, पानी या मिट्टी में मौजूद खतरनाक रसायनों से दूषित हो गयी हों।

विश्‍व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने एक रिपोर्ट निकाली जिसका शीर्षक था, “खाने से होनेवाली बीमारियों की रोकथाम: देश-देश के लिए चुनौती।” उस रिपोर्ट में कहा गया कि खाने से जुड़ी कुछ समस्याओं को रोकना “एक अकेले देश के बस की बात नहीं है; इसके लिए सब देशों को साथ मिलकर काम करना होगा।” इसमें कोई शक नहीं, दूषित खाने से होनेवाली बीमारियाँ सभी देशों के लिए एक समस्या बन गयी है!

इसलिए जब हम यह कहते हैं कि जल्द ही सब लोगों को सेहतमंद खाना मिलेगा, तो शायद कुछ पूछें कि यह बात आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हैं? हमारे यकीन की वजह है कि “सम्पूर्ण पृथ्वी के स्वामी, यहोवा” परमेश्‍वर ने वादा किया है कि वह खाने से जुड़ी सारी समस्याओं को दूर कर देगा। (यहोशू 3:13, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन) कुछ लोग शायद दावा करें कि दूषित खाने की समस्या दिखाती है कि परमेश्‍वर पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लेकिन सोचिए: अगर एक वेटर की लापरवाही की वजह से अच्छा-खासा खाना खराब हो जाता है, तो क्या इसके लिए बावर्ची को दोष देना सही होगा? बिलकुल नहीं!

उसी तरह, धरती हमें जो बढ़िया अनाज और फल-सब्ज़ी देती है उसे दूषित करने में इंसानों का हाथ है, न कि सृष्टिकर्ता का। दुनिया-भर में फैली इस समस्या के लिए इंसान ज़िम्मेदार हैं। परमेश्‍वर का वादा है कि वह “पृथ्वी को तबाह-बरबाद करनेवालों को खत्म कर” देगा।—प्रकाशितवाक्य 11:18.

परमेश्‍वर पहले ही यह साबित कर चुका है कि वह चाहता है, हमें बढ़िया-से-बढ़िया खाना मिले। उसने जब पृथ्वी की रचना की, तो ऐसे पेड़ बनाए जो न सिर्फ “देखने में मनोहर” थे बल्कि उनके “फल खाने में [भी] अच्छे” थे। (उत्पत्ति 2:9) यहाँ तक कि जब इंसानों ने पाप किया और इस वजह से बीमार होने लगे, तब भी परमेश्‍वर यहोवा ने उनकी फिक्र करनी नहीं छोड़ी। उसने अपने लोगों, इसराएलियों को कुछ खास हिदायतें दीं, जिन्हें मानने से वे सेहतमंद रह सकते थे और अपने भोजन को सुरक्षित रख सकते थे।—बक्स ‘सेहत से जुड़े नियम’ देखिए।

परमेश्‍वर क्या चाहता है कि हम किस तरह के भोजन का मज़ा लें? बाइबल हमें बताती है: “[वह] पशुओं के लिये घास, और मनुष्यों के काम के लिये अन्‍नादि उपजाता है, और इस रीति भूमि से वह भोजन-वस्तुएं उत्पन्‍न करता है, और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्‍न जिस से वह सम्भल जाता है।” (भजन 104:14, 15) बाइबल यह भी बताती है कि परमेश्‍वर ने इंसानों से कहा, “सब चलनेवाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे।”—उत्पत्ति 9:3.

हमारे भविष्य के बारे में परमेश्‍वर का वचन वादा करता है: “वह तुम्हारे लिये जल बरसाएगा कि तुम खेत में बीज बो सको, और भूमि की उपज भी उत्तम और बहुतायत से होगी। उस समय तुम्हारे जानवरों को लम्बी-चौड़ी चराई मिलेगी।” (यशायाह 30:23) जी हाँ, आज की दिल-दहलानेवाली खबरों की जगह हमें यह घोषणा सुनायी देगी: “सबके लिए सेहतमंद खाना!” (g12-E 06)

[पेज 9 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

परमेश्‍वर हमसे वादा करता है कि वह हमें एक उज्ज्वल भविष्य देगा जहाँ हमें बहुतायत में अच्छा और सेहतमंद खाना मिलेगा

[पेज 8 पर बक्स]

‘सेहत से जुड़े नियम’

आज से करीब 3,500 साल पहले परमेश्‍वर ने अपने सेवक मूसा के ज़रिए इसराएलियों को एक कानून दिया था। उस कानून की वजह से इसराएली दूषित खाने से होनेवाली कई बीमारियों से बच पाए। कानून में दी कुछ हिदायतों पर गौर कीजिए:

● जो बरतन मरे जानवर को छू जाने की वजह से अशुद्ध हो जाता है, उससे दूर रहना: “पात्र . . . जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे, तब शुद्ध समझा जाए।”—लैव्यव्यवस्था 11:31-34.

● ऐसा जानवर मत खाना जो अपने आप मरा हो: “जो [जानवर] अपनी मृत्यु से मर जाए उसे तुम न खाना।”—व्यवस्थाविवरण 14:21.

● बचे हुए खाने को जल्द-से-जल्द खत्म कर लेना: “उस में से जो शेष रह जाए वह दूसरे दिन भी खाया जाए। परन्तु जो कुछ बलिदान के मांस में से तीसरे दिन तक रह जाए वह आग में जला दिया जाए।”—लैव्यव्यवस्था 7:16-18.

डॉक्टर ए. रेन्डल शोर्त ने इस बात पर हैरानी जतायी कि मूसा के ज़रिए दिए कानून में “सेहत से जुड़े इतने बुद्धि-भरे और सही नियम” दिए गए थे, जबकि उस समय इसराएल के पड़ोसी देशों में ऐसे नियम नहीं थे।