यहेजकेल 19:1-14

19  “तू इसराएल के प्रधानों के बारे में एक शोकगीत गाना  और कहना, ‘तेरी माँ शेरों के बीच रहनेवाली एक शेरनी थी! वह ताकतवर जवान शेरों के बीच लेटती और अपने बच्चों को पालती थी।   उसने अपने एक बच्चे को बड़ा किया और वह ताकतवर जवान शेर बना।+ उसने शिकार को फाड़ खाना सीखा,इंसानों तक को खा लिया।   राष्ट्रों ने उसके बारे में सुना और उसे गड्‌ढे में फँसाया,वे नकेल डालकर उसे मिस्र ले गए।+   शेरनी उसका इंतज़ार करती रही, आखिरकार उसने देखा कि उसके लौटने की कोई उम्मीद नहीं। तब उसने अपने बच्चों में से एक और को बड़ा किया, उसे ताकतवर जवान शेर बनाकर भेजा।   वह भी दूसरे शेरों के बीच घूमने लगा और एक ताकतवर जवान शेर बन गया। उसने शिकार को फाड़ खाना सीखा, इंसानों तक को खा लिया।+   वह दबे पाँव उनकी किलेबंद मीनारों में गया, उनके शहरों को तहस-नहस कर दिया,उजड़े देश में चारों तरफ उसकी दहाड़ गूँजने लगी।+   आस-पास के राष्ट्रों ने आकर उस पर जाल डाला,उसे गड्‌ढे में फँसाकर पकड़ लिया।   उन्होंने नकेल डालकर उसे पिंजरे में बंद कर दिया, वे उसे बैबिलोन के राजा के पास ले गए। वहाँ उन्होंने उसे कैद कर दिया ताकि उसका गरजन फिर कभी इसराएल के पहाड़ों पर सुनायी न दे। 10  तेरी माँ उस अंगूर की बेल जैसी थी+ जो तेरे खून में है,* जो पानी के पास लगायी गयी थी। भरपूर पानी की वजह से वह फलने लगी और डालियों से भर गयी। 11  उसकी डालियाँ* इतनी मज़बूत हो गयीं कि वे राजाओं के राजदंड बनने लायक थीं। वह बढ़ती गयी, दूसरे पेड़ों से भी ऊँची हो गयी। वह इतनी ऊँची हो गयी और डालियों और पत्तों से इतनी भर गयी कि दूर से भी नज़र आती थी। 12  मगर परमेश्‍वर ने जलजलाहट में आकर उसे जड़ से उखाड़ डाला+ और ज़मीन पर पटक दिया,पूरब की हवा ने उसके फल सुखा दिए। उसकी मज़बूत डालियाँ तोड़ दी गयीं, वे सूख गयीं+ और आग ने उन्हें भस्म कर दिया।+ 13  अब उसे वीराने में लगाया गया हैएक सूखी, प्यासी ज़मीन में।+ 14  आग उसकी डालियों* से टहनियों और फलों तक फैल गयी और उन्हें भस्म कर दिया। पेड़ पर एक भी मज़बूत डाली नहीं बची, राज करने के लिए एक भी राजदंड नहीं रहा।+ यह एक शोकगीत है और यह शोकगीत ही बना रहेगा।’”

कई फुटनोट

या शायद, “तेरे अंगूरों के बाग में एक बेल जैसी थी।”
या “डंडे।”
या “डंडों।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो