गीत 96
याह की पवित्र किताब—एक खज़ाना
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1. है एक किताब जिसके पन्नों से मिलती
खुशी, सुकूँ और आशा भी हमें;
इसके विचार रखते गज़ब की ताकत,
जो मन की आँखें खोलें, जीवन दें।
है ये किताब याह की पवित्र बाइबल,
लिखने जिसे याह ने चुने इंसाँ;
जिन्होंने याह की शक्-ति से उभरके,
सोच उसकी कर दी हू-ब-हू बयाँ।
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2. इसमें लिखा, याह ने सबकुछ बनाया;
कैसे शुरू में रच दिया जहाँ।
लिखा, इंसाँ पहले पूरा निर्दोष था,
पर खो दिया उसने फिरदौस अपना।
बागी फरिश्ते का किस्सा बताया,
जिसने हुकूमत याह की ठुकरा दी।
इसाँ बना पापी, तकलीफें आयीं,
पर होगी जीत जल्द ही यहोवा की।
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3. खुशी मनाने का समय अब आया,
राजा चुना है याह ने यीशु को।
तो हम उस राज की फैलाएँ खुशखबरी
और दें बरकतों की उम्मीद सबको।
सोच याह की मिलती है उसकी किताब में;
मिलता सुकूँ जो जग ये ना समझे।
वचन याह का ज़िंदा है, सबको परखे।
है ये खज़ाना, पाएँ जो पढ़ें।
(2 तीमु. 3:16; 2 पत. 1:21 भी देखें।)