26 अगस्त–1 सितंबर
भजन 78
गीत 97 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. इसराएलियों की तरह विश्वासघाती मत बनिए
(10 मि.)
इसराएली भूल गए कि यहोवा ने उनके लिए कैसे-कैसे आश्चर्य के काम किए (भज 78:11, 42; प्र96 12/1 पेज 29-30)
इसराएलियों ने उन अच्छी-अच्छी चीज़ों की कदर नहीं की, जो यहोवा ने उन्हें दीं (भज 78:19; प्र06 8/1 पेज 10 पै 16)
इसराएलियों ने अपनी गलतियों से नहीं सीखा बल्कि बार-बार यहोवा से विश्वासघात किया (भज 78:40, 41, 56, 57; प्र11 7/1 पेज 10 पै 3-4, अँग्रेज़ी)
मनन के लिए: अगर हम नहीं चाहते कि हम यहोवा से विश्वासघात करें, तो हमें क्या करना होगा?
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 78:24, 25—मन्ना को “स्वर्ग का अनाज” और “शूरवीरों की रोटी” क्यों कहा गया है? (प्र06 8/1 पेज 4 पै 3)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 78:1-22 (जी-जान गुण 5)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक से पूछिए कि क्या वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार पाठ 5 मुद्दा 5)
5. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) घर-घर का प्रचार। एक ट्रैक्ट से बातचीत शुरू कीजिए। फिर घर-मालिक से पूछिए कि क्या वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार पाठ 5 मुद्दा 4)
6. बातचीत शुरू करना
(1 मि.) घर-घर का प्रचार। जब घर-मालिक कहता है कि जो बताना है, जल्दी बताओ, तो उससे पूछिए कि क्या वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार पाठ 2 मुद्दा 5)
7. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। बाइबल का ज़िक्र किए बिना, बातों-बातों में एक व्यक्ति को बताइए कि आप यहोवा के साक्षी हैं। फिर उससे पूछिए कि क्या वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार पाठ 2 मुद्दा 4)
गीत 96
8. प्रचारक फिलिप्पुस की तरह बनिए
(15 मि.) चर्चा।
बाइबल में कई लोगों की मिसालें दी गयी हैं, कुछ अच्छी तो कुछ बुरी। उनसे सीखने के लिए हमें समय निकालना होगा और मेहनत करनी होगी। उनके बारे में पढ़ने के अलावा, उनसे हम जो सीखते हैं उस पर मनन करना होगा और फिर खुद में बदलाव करना होगा।
प्रचारक फिलिप्पुस एक ऐसे मसीही के तौर पर जाना जाता था, जो “पवित्र शक्ति और बुद्धि से भरपूर” था। (प्रेष 6:3, 5) उसकी मिसाल से हम क्या-क्या सीख सकते हैं?
इतिहास के पन्नों से—प्रचारक फिलिप्पुस वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए कि आगे बतायी बातों से उन्होंने क्या सीखा।
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अचानक हालात बदलने पर फिलिप्पुस ने कुछ कदम उठाए।—प्रेष 8:1, 4, 5
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जब फिलिप्पुस ने वहाँ जाकर सेवा की जहाँ प्रचार किए जाने की ज़रूरत थी, तो उसे कई आशीषें मिलीं।—प्रेष 8:6-8, 26-31, 34-40
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फिलिप्पुस और उसके परिवार को मेहमान-नवाज़ी दिखाने की वजह से कई फायदे हुए।—प्रेष 21:8-10
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वीडियो में दिखाए परिवार को बहुत खुशी मिली, जब वे फिलिप्पुस की मिसाल पर चले
9. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 14 पै 11-20