तीमुथियुस के नाम दूसरी चिट्ठी 4:1-22
4 मैं तुझे परमेश्वर और मसीह यीशु के सामने, जिसका राज आनेवाला है+ और जो प्रकट होकर+ ज़िंदा लोगों और मरे हुओं का न्याय करनेवाला है,+ यह आदेश देता हूँ:
2 तू वचन का प्रचार कर।+ और वक्त की नज़ाकत को समझते हुए इसमें लगा रह, फिर चाहे अच्छा समय हो या बुरा। सब्र से काम लेते हुए और कुशलता से सिखाते हुए गलती करनेवाले को सुधार,+ डाँट और समझा।+
3 इसलिए कि ऐसा समय आएगा जब लोग खरी* शिक्षा को बरदाश्त नहीं कर सकेंगे,+ मगर अपनी इच्छाओं के मुताबिक अपने लिए ऐसे शिक्षक बटोर लेंगे जो उनके कानों की खुजली मिटा सकें।*+
4 वे सच्चाई की बातों से कान फेर लेंगे और झूठी कहानियों पर ध्यान देंगे।
5 लेकिन तू सब बातों में होश-हवास बनाए रख, मुश्किलों में धीरज धर,+ प्रचारक का काम कर,* अपनी सेवा अच्छी तरह पूरी कर।+
6 मुझे अर्घ की तरह उँडेला जा रहा है+ और मेरी रिहाई का वक्त+ एकदम करीब है।
7 मैंने अच्छी लड़ाई लड़ी है।+ मैंने अपनी दौड़ पूरी कर ली है,+ मैंने विश्वास को थामे रखा है।
8 अब मेरे लिए नेकी का ताज रखा हुआ है,+ जिसे प्रभु जो सच्चा न्यायी है,+ मुझे उस दिन इनाम में देगा।+ यह इनाम सिर्फ मुझे नहीं बल्कि उन सभी को मिलेगा जो उसके प्रकट होने का बेताबी से इंतज़ार करते हैं।
9 मेरे पास जल्द-से-जल्द आने की कोशिश कर।
10 इसलिए कि देमास+ ने इस दुनिया* के मोह में पड़कर मुझे छोड़ दिया है और वह थिस्सलुनीके चला गया। क्रेसकेंस, गलातिया चला गया और तीतुस, दलमतिया चला गया है।
11 सिर्फ लूका मेरे साथ है। मरकुस को अपने साथ लेते आना क्योंकि वह सेवा के लिए मेरे बहुत काम का है।
12 तुखिकुस+ को मैंने इफिसुस भेजा है।
13 जब तू आए तो मेरा वह चोगा लेते आना जो मैंने त्रोआस में करपुस के यहाँ छोड़ा था। साथ में खर्रे भी लेते आना, खासकर चर्मपत्र।*
14 ताँबे का काम करनेवाले ठठेरे सिकंदर ने मुझे बहुत नुकसान पहुँचाया है। यहोवा* उसकी करतूतों का बदला उसे देगा।+
15 तू भी उससे बचकर रहना क्योंकि उसने हमारे संदेश का बढ़-चढ़कर विरोध किया है।
16 मेरी पहली पेशी के वक्त कोई भी मेरा साथ देने नहीं आया। सबने मुझसे किनारा कर लिया। मेरी दुआ है कि उनसे इसका लेखा न लिया जाए।
17 मगर प्रभु मेरे पास खड़ा रहा और उसने मुझमें शक्ति भर दी ताकि मेरे ज़रिए अच्छी तरह प्रचार हो और सब राष्ट्रों के लोग सुन सकें।+ मुझे शेर के मुँह से छुड़ाया गया।+
18 प्रभु मुझे हर दुष्ट चाल से बचाएगा और अपने स्वर्ग के राज के लिए मेरी हिफाज़त करेगा।+ उसकी महिमा हमेशा-हमेशा तक होती रहे। आमीन।
19 प्रिसका और अक्विला को+ और उनेसिफुरुस+ के घराने को मेरा नमस्कार कहना।
20 इरास्तुस+ कुरिंथ में रह गया और त्रुफिमुस+ को मैं मीलेतुस में छोड़ आया क्योंकि वह बीमार था।
21 सर्दियाँ शुरू होने से पहले मेरे पास आने की पूरी कोशिश करना।
यूबूलुस, पूदेंस, लीनुस, क्लौदिया और सारे भाई तुझे नमस्कार कहते हैं।
22 तू जो बढ़िया जज़्बा दिखाता है उस वजह से प्रभु की आशीष तुझ पर हो। उसकी महा-कृपा तुम लोगों पर बनी रहे।
कई फुटनोट
^ या “स्वास्थ्यकर; फायदेमंद।”
^ या “उन्हें वही बताएँ जो वे सुनना चाहते हैं।”
^ या “खुशखबरी का प्रचार करता रह।”
^ यानी चमड़े के खर्रे।