मरकुस के मुताबिक खुशखबरी 8:1-38
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
टोकरियाँ: ये शायद खपच्चियों से बनी होती थीं और इनमें डोरी लगी होती थी ताकि लोग इन्हें लटकाकर सफर में ले जा सकें। माना जाता है कि इनका आयतन करीब 7.5 ली. था।—मर 8:19, 20 के अध्ययन नोट देखें।
बड़े टोकरे: यहाँ यूनानी शब्द स्फिरिस इस्तेमाल हुआ है। यह शायद दिखाता है कि ये टोकरे उन टोकरियों से बड़े थे, जिनका इस्तेमाल उस वक्त किया गया जब यीशु ने करीब 5,000 लोगों को खाना खिलाया था। (मर 6:43 का अध्ययन नोट देखें।) दमिश्क में जब पौलुस को एक “बड़े टोकरे” में बिठाकर शहरपनाह में बनी एक खिड़की से नीचे उतारा गया, तो उस ब्यौरे में यही यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है।—प्रेष 9:25.
आदमियों की गिनती करीब 4,000 थी: इस चमत्कार के बारे में बताते समय सिर्फ मत्ती ने अपने ब्यौरे (मत 15:38) में औरतों और बच्चों का ज़िक्र किया। मुमकिन है कि चमत्कार से जिन लोगों को खाना खिलाया गया उनकी गिनती 12,000 से ज़्यादा रही होगी।
मगदन: आज गलील झील के आस-पास मगदन नाम की कोई जगह नहीं है। लेकिन कुछ विद्वान मानते हैं कि मगदन का दूसरा नाम मगदला था। माना जाता है कि मगदला आज खिरबत मजदाल (मिगदल) कहलाता है। यह तिबिरियास से करीब 6 कि.मी. (3.5 मील) दूर उत्तर-पश्चिम में है। इसके मिलते-जुलते ब्यौरे (मर 8:10) में इस जगह को दलमनूता कहा गया है।—अति. ख10 देखें।
दलमनूता: यह नाम बाइबल से जुड़ी किताबों या दूसरी किताबों में नहीं पाया जाता। यह सिर्फ मरकुस की खुशखबरी की किताब में पाया जाता है। हालाँकि यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह जगह कहाँ थी, मगर मालूम होता है कि यह गलील झील के पश्चिमी तट के पास थी। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि मत्ती के ब्यौरे में इस जगह को मगदन कहा गया है। (मत 15:39 का अध्ययन नोट देखें।) दलमनूता शायद मगदन का दूसरा नाम था।
गहरी आह भरकर: मरकुस ने अकसर यीशु की भावनाओं के बारे में लिखा। इस बारे में शायद उसे पतरस ने बताया होगा जो खुद एक भावुक इंसान था। (“मरकुस की किताब पर एक नज़र” देखें।) यह क्रिया शायद दिखाती है कि प्रार्थना करते हुए जिस तरह यीशु ने आह भरी या वह कराहा, उससे ज़ाहिर होता है कि उस आदमी के लिए उसे कितनी हमदर्दी थी या फिर पूरी मानवजाति की तकलीफ देखकर उसे कितना दर्द महसूस हुआ होगा। इसी से जुड़ी क्रिया रोम 8:22 में यह बताने के लिए इस्तेमाल हुई है कि सारी सृष्टि ‘कराह’ रही है।
बहुत दुखी हुआ: या “गहरी आह भरी।” मरकुस ने अकसर बताया कि अलग-अलग हालात में यीशु ने कैसा महसूस किया या अपनी भावनाएँ कैसे ज़ाहिर कीं। (मर 3:5; 7:34; 9:36; 10:13-16, 21) यहाँ उसने जो क्रिया इस्तेमाल की वह मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ यहीं पायी जाती है। यह क्रिया मर 7:34 में इस्तेमाल हुई क्रिया का और भी ज़बरदस्त रूप है। (इसका अध्ययन नोट देखें।) इससे यीशु की गहरी भावनाएँ ज़ाहिर की गयी हैं। उसने शायद इसलिए गहरी आह भरी क्योंकि वह फरीसियों की ढिठाई देखकर तंग आ गया था। उन्होंने शक्ति के साफ-साफ सबूत देखे थे, फिर भी उन्हें नज़रअंदाज़ करके वे यीशु से एक चिन्ह दिखाने की माँग कर रहे थे।
खमीर: इसे बाइबल में अकसर पाप और भ्रष्टता की निशानी बताया गया है। यहाँ इसका मतलब है गलत शिक्षाएँ और बुरा असर। (मत 16:6, 11, 12; 1कुर 5:6-8) यहाँ इस शब्द का दो बार ज़िक्र दिखाता है कि फरीसियों का “खमीर,” हेरोदेस और उसके गुट के लोगों यानी हेरोदियों के “खमीर” से अलग था। हेरोदियों का समूह धार्मिक मामलों से ज़्यादा राजनैतिक मामलों में शामिल था। उनका “खमीर” यानी उनकी देश-भक्ति की भावना उस घटना में देखी जा सकती है, जब दोनों समूह ने यीशु को फँसाने के लिए सरकार को कर चुकाने के बारे में उससे सवाल पूछा था।—मर 12:13-15.
हेरोदेस: कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में लिखा है, “हेरोदियों।”—शब्दावली में “हेरोदेस के गुट के लोग” देखें।
टोकरियाँ: ये शायद खपच्चियों से बनी होती थीं और इनमें डोरी लगी होती थी ताकि लोग इन्हें लटकाकर सफर में ले जा सकें। माना जाता है कि इनका आयतन करीब 7.5 ली. था।—मर 8:19, 20 के अध्ययन नोट देखें।
बड़े टोकरे: यहाँ यूनानी शब्द स्फिरिस इस्तेमाल हुआ है। यह शायद दिखाता है कि ये टोकरे उन टोकरियों से बड़े थे, जिनका इस्तेमाल उस वक्त किया गया जब यीशु ने करीब 5,000 लोगों को खाना खिलाया था। (मर 6:43 का अध्ययन नोट देखें।) दमिश्क में जब पौलुस को एक “बड़े टोकरे” में बिठाकर शहरपनाह में बनी एक खिड़की से नीचे उतारा गया, तो उस ब्यौरे में यही यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है।—प्रेष 9:25.
बड़े टोकरे: मर 8:8, 19 के अध्ययन नोट देखें।
टोकरियों: यीशु ने चमत्कार करके दो मौकों पर जब भीड़ को खाना खिलाया तो एक बार बचा हुआ खाना टोकरियों में इकट्ठा किया गया और दूसरी बार बड़े टोकरों में। इन ब्यौरों का ज़िक्र करते समय मरकुस और मत्ती ने हर बार यह फर्क साफ-साफ बताया। (मर 6:43; 8:8, 20 के अध्ययन नोट और मत 14:20; 15:37; 16:9, 10 में यही ब्यौरे देखें।) करीब 5,000 लोगों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द कोफिनोस (“टोकरियों”) इस्तेमाल हुआ और करीब 4,000 लोगों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द स्फिरिस (“बड़े टोकरे”) इस्तेमाल हुआ। इससे पता चलता है कि इन चमत्कारों के दौरान या तो लेखक खुद मौजूद थे या भरोसेमंद चश्मदीद गवाहों ने उन्हें यह जानकारी दी।
बड़े टोकरे: यहाँ यूनानी शब्द स्फिरिस इस्तेमाल हुआ है। यह शायद दिखाता है कि ये टोकरे उन टोकरियों से बड़े थे, जिनका इस्तेमाल उस वक्त किया गया जब यीशु ने करीब 5,000 लोगों को खाना खिलाया था। (मर 6:43 का अध्ययन नोट देखें।) दमिश्क में जब पौलुस को एक “बड़े टोकरे” में बिठाकर शहरपनाह में बनी एक खिड़की से नीचे उतारा गया, तो उस ब्यौरे में यही यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है।—प्रेष 9:25.
टोकरियों: यीशु ने चमत्कार करके दो मौकों पर जब भीड़ को खाना खिलाया तो एक बार बचा हुआ खाना टोकरियों में इकट्ठा किया गया और दूसरी बार बड़े टोकरों में। इन ब्यौरों का ज़िक्र करते समय मरकुस और मत्ती ने हर बार यह फर्क साफ-साफ बताया। (मर 6:43; 8:8, 20 के अध्ययन नोट और मत 14:20; 15:37; 16:9, 10 में यही ब्यौरे देखें।) करीब 5,000 लोगों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द कोफिनोस (“टोकरियों”) इस्तेमाल हुआ और करीब 4,000 लोगों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द स्फिरिस (“बड़े टोकरे”) इस्तेमाल हुआ। इससे पता चलता है कि इन चमत्कारों के दौरान या तो लेखक खुद मौजूद थे या भरोसेमंद चश्मदीद गवाहों ने उन्हें यह जानकारी दी।
बड़े टोकरे: मर 8:8, 19 के अध्ययन नोट देखें।
एक अंधे आदमी: खुशखबरी की किताबों के लेखकों में से सिर्फ मरकुस ने लिखा कि यीशु ने इस अंधे आदमी को ठीक किया।—मर 8:22-26.
कैसरिया फिलिप्पी: यह नगर उस जगह बसा है जहाँ यरदन नदी के पानी का स्रोत है। यह नगर समुद्र-तल से करीब 1,150 फुट (350 मी.) की ऊँचाई पर है। यह गलील झील से करीब 40 कि.मी. (25 मील) दूर उत्तर में और हेरमोन पहाड़ की दक्षिण-पश्चिमी तराई में है। हेरोदेस महान के बेटे फिलिप्पुस ने रोमी सम्राट के सम्मान में इस नगर का नाम कैसरिया रखा था। कैसरिया नाम का एक और बंदरगाह शहर था, इसलिए इस नगर को कैसरिया फिलिप्पी (मतलब, “फिलिप्पुस का कैसरिया”) कहा जाता था।—अति. ख10 देखें।
कैसरिया फिलिप्पी: मत 16:13 का अध्ययन नोट देखें।
बपतिस्मा देनेवाला: या “डुबकी लगवानेवाला।” ज़ाहिर है कि यह यूहन्ना का एक उपनाम बन गया था, जिससे पता चलता है कि वह ही पानी में डुबकी लगवाकर बपतिस्मा देता था। यहूदी इतिहासकार फ्लेवियस जोसीफस ने लिखा: “यूहन्ना जिसका उपनाम था बपतिस्मा देनेवाला।”
यूहन्ना: इब्रानी में यहोहानान या योहानान। इस नाम का मतलब है, “यहोवा ने मदद की; यहोवा ने कृपा की।”
बपतिस्मा देनेवाला: या “डुबकी लगवानेवाला।” यहाँ और मर 6:14, 24 में यूनानी कृदंत (participle) हो बपटाइज़ोन इस्तेमाल हुआ है, जिसका अनुवाद “जो बपतिस्मा देता है” भी किया जा सकता है। इसकी यूनानी संज्ञा बैप्टिस्टेस मर 6:25; 8:28 में और मत्ती और लूका की किताब में इस्तेमाल हुई है। हालाँकि इन दोनों शब्दों का रूप अलग है, मगर मतलब एक है। इसलिए मूल यूनानी पाठ में मर 6:24, 25 में ये दोनों शब्द इस्तेमाल हुए हैं।—मत 3:1 का अध्ययन नोट देखें।
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला: मत 3:1; मर 1:4 के अध्ययन नोट देखें।
मसीह: पतरस ने कहा कि यीशु ही “मसीह” (यूनानी में हो ख्रिस्तौस) है। यह उपाधि, “मसीहा” (इब्रानी में मशीआक) के जैसी है और दोनों का मतलब है, “अभिषिक्त जन।” यूनानी में यहाँ उपाधि “मसीह” से पहले निश्चित उपपद लिखा है। ज़ाहिर है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि यीशु के ओहदे पर ज़ोर दिया जा सके कि वही मसीहा है।—मत 1:1; 2:4 के अध्ययन नोट देखें।
मसीह: मत 16:16 का अध्ययन नोट देखें।
इंसान के बेटे: ये शब्द खुशखबरी की किताबों में करीब 80 बार आते हैं। यीशु ने ये शब्द खुद के लिए इस्तेमाल किए। ज़ाहिर है उसने ऐसा इसलिए किया ताकि साबित हो सके कि वह वाकई एक इंसान है और औरत से जन्मा है और आदम के बराबर है। इसलिए उसके पास इंसानों को पाप और मौत से छुड़ाने का अधिकार है। (रोम 5:12, 14, 15) इन शब्दों से यह भी पता चलता है कि यीशु ही मसीहा या मसीह है।—दान 7:13, 14; शब्दावली में “इंसान का बेटा” देखें।
मुखियाओं: शा., “बुज़ुर्गों।” बाइबल में यूनानी शब्द प्रेसबाइटेरोस खासकर ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है जो समाज या देश में अधिकार और ज़िम्मेदारी के पद पर थे। हालाँकि यह शब्द कभी-कभी बड़ी उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है (जैसे लूक 15:25 में “बड़ा बेटा” और प्रेष 2:17 में “बुज़ुर्ग”), लेकिन इसका हमेशा यही मतलब नहीं है। यहाँ इस शब्द का मतलब है यहूदी राष्ट्र के अगुवे, जिनका ज़िक्र अकसर प्रधान याजकों और शास्त्रियों के साथ किया जाता है। महासभा इन्हीं तीन समूहों के आदमियों से मिलकर बनी होती थी।—मत 21:23; 26:3, 47, 57; 27:1, 41; 28:12; शब्दावली में “मुखिया; बुज़ुर्ग” देखें।
प्रधान याजकों: इनके लिए इस्तेमाल हुआ यूनानी शब्द जब एकवचन में आया है तो उसका अनुवाद “महायाजक” किया गया है, यानी परमेश्वर के सामने जानेवाला लोगों का मुख्य प्रतिनिधि। लेकिन यहाँ यह शब्द बहुवचन में है और इसका मतलब है याजकवर्ग के बड़े-बड़े आदमी। इनमें वे आदमी शामिल हैं जो पहले महायाजक रह चुके थे और शायद वे भी जो याजकों के 24 दलों के मुखिया थे।
इंसान के बेटे: मत 8:20 का अध्ययन नोट देखें।
मुखिया: शा., “बुज़ुर्ग।” बाइबल में यूनानी शब्द प्रेसबाइटेरोस खासकर ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है जो समाज या देश में अधिकार और ज़िम्मेदारी के पद पर थे। हालाँकि यह शब्द कभी-कभी बड़ी उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है (जैसे लूक 15:25 में “बड़ा बेटा” और प्रेष 2:17 में “बुज़ुर्ग”), लेकिन इसका हमेशा यही मतलब नहीं है। यहाँ इस शब्द का मतलब है यहूदी राष्ट्र के अगुवे, जिनका ज़िक्र अकसर प्रधान याजकों और शास्त्रियों के साथ किया जाता है। महासभा इन्हीं तीन समूहों के आदमियों से मिलकर बनी होती थी।—मर 11:27; 14:43, 53; 15:1; मत 16:21 का अध्ययन नोट और शब्दावली में “मुखिया; बुज़ुर्ग” देखें।
प्रधान याजक: मत 2:4 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
शैतान: यीशु पतरस को शैतान नहीं बल्कि विरोधी कह रहा था, जो इब्रानी शब्द सातन का मतलब है। इस तरह वह शायद यह ज़ाहिर कर रहा था कि इस मौके पर पतरस ने खुद पर शैतान का असर होने दिया, इसलिए वह यीशु को परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने से रोक रहा था।
विश्वास की राह में बाधाएँ: या “ठोकर के पत्थर।” माना जाता है कि शुरू में इनके यूनानी शब्द स्कानडेलॉन का मतलब था, एक फंदा। कुछ लोगों का मानना है कि इस फंदे में एक छड़ी लगी होती थी जिसमें चारा लगाया जाता था। इसलिए यह शब्द ऐसी बाधा के लिए इस्तेमाल होने लगा जिससे कोई ठोकर खाकर गिर सकता था। लाक्षणिक तौर पर इसका मतलब है, ऐसा कोई काम या ऐसे हालात जिनमें फँसकर एक इंसान गलत रास्ता अपना सकता है, या नैतिक तौर पर ठोकर खा सकता है, या पाप कर सकता है। इसी शब्द से जुड़ी यूनानी क्रिया स्कानडेलाइज़ो का अनुवाद मत 18:8, 9 में “पाप करवाता है” (फु. में “ठोकर खिलाता है”) किया गया है। इस क्रिया का अनुवाद यह भी किया जा सकता है, “फंदा बन जाता है।”
शैतान: मत 16:23 का अध्ययन नोट देखें।
मेरे सामने से दूर हो जा: शा., “मेरे पीछे जा।” इसके मिलते-जुलते ब्यौरे मत 16:23 में यीशु ने यह भी कहा: “तू मेरे लिए ठोकर की वजह है।” (मत 18:7 का अध्ययन नोट देखें।) इस तरह यीशु ने कड़े शब्दों में पतरस को झिड़का। यीशु ने किसी भी चीज़ या व्यक्ति को अपने पिता की मरज़ी पूरी करने के आड़े नहीं आने दिया। इसके अलावा, उसकी बात ने पतरस को शायद एहसास दिलाया होगा कि उसके लिए यही सही है कि चेला होने के नाते वह अपने गुरु का साथ दे।
यातना का काठ: या “मौत का काठ।” प्राचीन यूनानी भाषा में यूनानी शब्द स्टौरोस का खास तौर से मतलब है, सीधा काठ या खंभा। यह शब्द लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल हुआ है और कभी-कभी इसका मतलब है, यीशु का चेला होने की वजह से यातना, दुख-तकलीफें, शर्मिंदगी, यहाँ तक कि मौत सहना।—शब्दावली देखें।
मेरे पीछे आना: या “मेरे पीछे चलना,” जैसे कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में लिखा है।
वह खुद से इनकार करे: इससे पता चलता है कि एक इंसान को अपनी ज़िंदगी पर जो अधिकार होता है उसे वह खुशी-खुशी त्याग दे या परमेश्वर को दे दे। इसमें अपनी इच्छाएँ, सुख-सुविधाएँ या अपने लक्ष्यों का त्याग करना भी शामिल हो सकता है। (2कुर 5:14, 15) यहाँ जो यूनानी क्रिया इस्तेमाल हुई है, मरकुस ने वही क्रिया उन आयतों में इस्तेमाल की जिनमें उसने बताया कि पतरस यीशु को जानने से इनकार करेगा और ऐसा करने के बाद वह इस बात को याद करता है।—मर 14:30, 31, 72.
यातना का काठ: मत 16:24 का अध्ययन नोट देखें।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
विश्वासघाती: शा., “व्यभिचारी।” बाइबल में कई बार शब्द “व्यभिचार” लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल हुआ है। जब लोग परमेश्वर के साथ करार करते हैं और फिर उससे विश्वासघात करते हैं तो इसे व्यभिचार कहा जाता है। जब पैदाइशी इसराएलियों ने झूठी उपासना की तो उन्होंने कानून का करार तोड़ दिया और इस तरह लाक्षणिक तौर पर व्यभिचार किया। (यिर्म 3:8, 9; 5:7, 8; 9:2; 13:27; 23:10; हो 7:4) ऐसे ही कामों की वजह से यीशु ने अपने दिनों के यहूदियों को विश्वासघाती या व्यभिचारी पीढ़ी कहा। (मत 12:39; 16:4) जिन मसीहियों के साथ नया करार किया गया है वे अगर मौजूदा व्यवस्था से खुद को दूषित करें, तो वे भी लाक्षणिक तौर पर व्यभिचार करने के दोषी होंगे। यही सिद्धांत उन सब पर लागू होता है जिन्होंने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया है।—याकू 4:4.
तसवीर और ऑडियो-वीडियो

यहाँ जिस सिक्के को दोनों तरफ से दिखाया गया है वह ताँबे और दूसरी धातुओं से मिलकर बना है। यह सिक्का करीब उस समय ढाला गया था जब यीशु प्रचार कर रहा था। यह सिक्का हेरोदेस अन्तिपास ने चलवाया था, जो गलील और पेरिया का तित्रअर्खेस यानी ज़िला-शासक था। एक बार जब फरीसियों ने यीशु को बताया कि हेरोदेस उसे मार डालना चाहता है, तो उस वक्त यीशु शायद हेरोदेस के शासन-क्षेत्र पेरिया से होकर यरूशलेम जा रहा था। यह सुनकर यीशु ने हेरोदेस को “उस लोमड़ी” कहा। (लूक 13:32 का अध्ययन नोट देखें।) हेरोदेस की ज़्यादातर प्रजा यहूदी थी और वे सिक्कों को देखकर न चिढ़ें, इसलिए उसने ऐसे सिक्के ढलवाए जिन पर खजूर की डाली (1) और पत्तों का ताज (2) बना होता था।