मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 22:1-46
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
मिसालें: या “नीति-कथाएँ।”—मत 13:3 का अध्ययन नोट देखें।
शादी की पोशाक: यह एक राजा के बेटे की शादी थी, इसलिए उसने अपने मेहमानों के लिए खास पोशाकें बनवायी होंगी। अगर ऐसी बात है तो किसी मेहमान का वह पोशाक पहनकर न आना दिखाता कि वह राजा का घोर अपमान कर रहा है।
दाँत पीसेगा: मत 8:12 का अध्ययन नोट देखें।
यीशु को . . . फँसाएँ: यह ऐसा था मानो वे जाल बिछाकर किसी चिड़िया को पकड़ रहे हों। (सभ 9:12 से तुलना करें, जहाँ सेप्टुआजेंट में शिकार करने का यही यूनानी शब्द उस इब्रानी शब्द के लिए इस्तेमाल हुआ है जिसका मतलब है, “फंदे में फँसाना; फँसाना।”) फरीसियों ने यीशु की चापलूसी की और चालाकी से ऐसे सवाल पूछे (मत 22:16, 17) कि उसके जवाबों को उसी के खिलाफ इस्तेमाल कर सकें।
हेरोदेस के गुट के लोगों: शब्दावली में “हेरोदेस के गुट के लोग” देखें।
सम्राट: यूनानी में “कैसर।” धरती पर यीशु की प्रचार सेवा के दौरान रोम का सम्राट तिबिरियुस था। मगर शब्द “कैसर” सिर्फ हुकूमत करनेवाले सम्राट के लिए ही नहीं बल्कि रोमी सरकार और उसके प्रतिनिधियों के लिए भी इस्तेमाल होता था। इन्हें पौलुस ने ‘ऊँचे अधिकारी’ और पतरस ने “राजा” और उसके ‘राज्यपाल’ कहा।—रोम 13:1-7; 1पत 2:13-17; तीत 3:1; कृपया शब्दावली में “कैसर” देखें।
कर: यानी सालाना कर। मुमकिन है कि यह कर एक दीनार यानी एक दिन की मज़दूरी होता था। रोमी अधिकारी यह कर उन सभी लोगों से वसूल करते थे जिन्होंने जन-गणना के दौरान अपना नाम दर्ज़ कराया था।—लूक 2:1-3.
अरे कपटियो: मत 6:2 का अध्ययन नोट देखें।
दीनार: चाँदी का यही रोमी सिक्का, जिसके एक तरफ कैसर के नाम की छाप होती थी, यहूदियों से सालाना “कर” के तौर पर लिया जाता था। (मत 22:17) यीशु के दिनों में खेतों में काम करनेवाले मज़दूरों को आम तौर पर 12 घंटे काम करने के लिए एक दीनार दिया जाता था। मसीही यूनानी शास्त्र में अकसर चीज़ों की कीमत बताने के लिए दीनार इस्तेमाल किया गया है। (मत 20:2; मर 6:37; 14:5; प्रक 6:6) इसराएल में कई तरह के ताँबे और चाँदी के सिक्के होते थे। चाँदी के ऐसे सिक्के भी होते थे जो सोर में ढाले गए थे और मंदिर के कर के लिए दिए जाते थे। मगर ज़ाहिर है कि लोग रोम को कर के तौर पर चाँदी का वह दीनार देते थे जिस पर कैसर की सूरत बनी होती थी।—शब्दावली और अति. ख14 देखें।
सूरत और . . . नाम की छाप: एक आम दीनार के एक तरफ पत्तियों से बना ताज पहने हुए रोमी सम्राट तिबिरियुस की सूरत होती थी। तिबिरियुस ईसवी सन् 14 से 37 तक सम्राट रहा। सिक्के पर लातीनी भाषा में यह भी लिखा होता था: “कैसर तिबिरियुस औगुस्तुस, उस औगुस्तुस का बेटा जिसे मरने के बाद पूजा जाता था।”—अति. ख14 भी देखें।
जो सम्राट का है वह सम्राट को: यीशु ने एक ही बार रोमी सम्राट का ज़िक्र किया और उसकी यह बात इस वचन के साथ-साथ मर 12:17 और लूक 20:25 में भी दर्ज़ है। ‘जो सम्राट का है उसे चुकाने’ का मतलब है, सरकार के ज़रिए दी गयी सेवाओं की कीमत चुकाना, सरकारी अधिकारियों का आदर करना और ऐसे मामलों में उनके अधीन रहना जिनमें उनकी आज्ञा यहोवा की आज्ञा के खिलाफ न हो।—रोम 13:1-7.
चुकाओ: सम्राट ने सिक्के बनवाए थे, इसलिए उसका हक बनता था कि वह उनमें से कुछ सिक्के वापस माँगे। लेकिन सम्राट किसी इंसान से यह माँग नहीं कर सकता था कि वह अपनी ज़िंदगी उसके नाम कर दे। उसके पास यह हक नहीं था। परमेश्वर ने ही सब इंसानों को “जीवन और साँसें और सबकुछ” दिया है। (प्रेष 17:25) इसलिए परमेश्वर का हक बनता है कि इंसान सिर्फ उसे अपनी ज़िंदगी और भक्ति दें। और इस तरह जो परमेश्वर का है, वह परमेश्वर को ‘चुकाए।’
जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को: इसमें यह सब शामिल है: पूरे दिल से उसे प्यार करना, तन-मन से उसकी उपासना करना, उसके वफादार रहना और उसकी हर बात मानना।—मत 4:10; 22:37, 38; प्रेष 5:29; रोम 14:8.
मरे हुओं के फिर से ज़िंदा होने: यूनानी शब्द आनास्तासिस का शाब्दिक मतलब है, “उठाना; खड़े होना।” यह शब्द मसीही यूनानी शास्त्र में मरे हुओं के फिर से ज़िंदा होने के सिलसिले में करीब 40 बार इस्तेमाल हुआ है। (मत 22:31; प्रेष 4:2; 24:15; 1कुर 15:12, 13) यश 26:19 में जिस इब्रानी क्रिया का मतलब है “जीवित होना,” उसके लिए सेप्टुआजेंट में आनास्तासिस की यूनानी क्रिया इस्तेमाल हुई है। (यश 26:19 में लिखा है, “तेरे मरे हुए लोग जीवित होंगे,” हिंदी—ओ.वी.)—शब्दावली में “मरे हुओं में से ज़िंदा करना” देखें।
अपने भाई के लिए अपनी पत्नी छोड़ गया: मर 12:21 का अध्ययन नोट देखें।
शास्त्र: अकसर यह शब्द परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे गए पूरे इब्रानी शास्त्र के लिए इस्तेमाल किया गया है।
मरे हुओं के ज़िंदा होने की बात: मत 22:23 का अध्ययन नोट देखें।
जो परमेश्वर ने . . . कही थी: यीशु यहाँ उस बातचीत के बारे में बता रहा था जो मूसा और यहोवा के बीच करीब ईसा पूर्व 1514 में हुई थी। (निर्ग 3:2, 6) उस समय अब्राहम को मरे 329 साल, इसहाक को 224 साल और याकूब को मरे हुए 197 साल हो चुके थे। फिर भी यहोवा ने यह नहीं कहा कि ‘मैं उनका परमेश्वर था’ बल्कि यह कहा कि ‘मैं उनका परमेश्वर हूँ।’—मत 22:32.
वह मरे हुओं का नहीं बल्कि जीवितों का परमेश्वर है: सबसे पुरानी और भरोसेमंद हस्तलिपियों में ये शब्द पाए जाते हैं। मगर कुछ हस्तलिपियों में दो बार “परमेश्वर” लिखा है: “परमेश्वर मरे हुओं का परमेश्वर नहीं बल्कि जीवितों का है।” इसलिए कुछ अनुवादों में यही शब्द पाए जाते हैं। मसीही यूनानी शास्त्र के एक इब्रानी अनुवाद (जिसे अति. ग में J18 कहा गया है) में इस आयत में परमेश्वर का नाम इब्रानी के चार अक्षरों में लिखा है और इसका अनुवाद कुछ इस तरह किया जा सकता है: “यहोवा मरे हुओं का परमेश्वर नहीं।”—निर्ग 3:6, 15 से तुलना करें।
बल्कि जीवितों का: मर 12:27 का अध्ययन नोट देखें।
मुँह बंद कर दिया: इनकी यूनानी क्रिया का अनुवाद इस तरह भी किया जा सकता है: “बोलती बंद कर देना” (शा., “मुँह बाँध देना”)। यीशु के जवाब का इन कपटियों पर जो असर हुआ उसे बताने के लिए ये एकदम सही शब्द थे। यीशु ने सदूकियों को ऐसा करारा जवाब दिया कि वे कुछ बोल ही नहीं पाए।—1पत 2:15, फु.
यहोवा: यहाँ व्य 6:5 की बात लिखी है। मूल इब्रानी पाठ में इस आयत में परमेश्वर के नाम के लिए चार इब्रानी व्यंजन (हिंदी में य-ह-व-ह) इस्तेमाल हुए हैं।—अति. ग देखें।
दिल: लाक्षणिक भाषा में “दिल” आम तौर पर अंदरूनी इंसान को दर्शाता है, जिसमें उसकी भावनाएँ, उसका रवैया, उसके इरादे और उसके दिमाग की सोच भी शामिल है। लेकिन जब इसका ज़िक्र “जान” और “दिमाग” के साथ होता है तो ज़ाहिर है कि इसका एक खास मतलब होता है और वह है, एक इंसान की भावनाएँ और इच्छाएँ। यहाँ इस्तेमाल हुए तीनों शब्दों (दिल, जान और दिमाग) के मतलब पूरी तरह अलग नहीं हैं बल्कि उनके कुछ मतलब मिलते-जुलते हैं। इन तीनों शब्दों का एक-साथ इस्तेमाल करके इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि एक इंसान को दिलो-जान से, पूरी तरह परमेश्वर से प्यार करना चाहिए।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
दिमाग: अगर एक इंसान परमेश्वर को जानना और उसके लिए अपना प्यार बढ़ाना चाहता है तो उसे अपनी दिमागी काबिलीयतें इस्तेमाल करनी चाहिए जिनमें उसकी सोच भी शामिल है। (यूह 17:3, फु.; रोम 12:1) यहाँ व्य 6:5 की बात लिखी है और मूल इब्रानी पाठ में इस आयत में तीन शब्द इस्तेमाल हुए हैं, ‘दिल, जान और ताकत।’ लेकिन जब मत्ती ने इस आयत का अनुवाद यूनानी में किया तो उसने “दिमाग” शब्द इस्तेमाल किया जबकि इब्रानी में “दिमाग” शब्द नहीं था। उसने ऐसा क्यों किया? इसकी कई वजह हो सकती हैं। एक वजह है, प्राचीन इब्रानी भाषा में “दिल” (या “मन”) के इब्रानी शब्द में अकसर “दिमाग” का भाव भी शामिल होता था। (व्य 29:4; भज 26:2; 64:6; इसी आयत में दिल पर अध्ययन नोट देखें।) इब्रानी में “दिमाग” के लिए अलग-से कोई शब्द नहीं था, लेकिन यूनानी में इसके लिए शब्द था। इसलिए कई जगहों पर इब्रानी पाठ में जहाँ शब्द “दिल” और “मन” का मतलब दिमागी काबिलीयत है, वहाँ यूनानी सेप्टुआजेंट में “दिमाग” या “सोच” का यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है। (उत 8:21; 17:17; नीत 2:10; यश 14:13) मत्ती ने “ताकत” शब्द क्यों नहीं लिखा? क्योंकि “ताकत” के इब्रानी शब्द में दिमागी ताकत भी शामिल हो सकती है। शायद इसलिए उसने “ताकत” शब्द छोड़ दिया। वजह चाहे जो भी रही हो, इन इब्रानी और यूनानी शब्दों के कुछ मतलब मिलते-जुलते थे और कुछ मतलब बिलकुल अलग थे, इसलिए खुशखबरी की किताबों के लेखकों ने व्यवस्थाविवरण की बात लिखते वक्त एक-जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए।—मर 12:30; लूक 10:27 के अध्ययन नोट देखें।
तुम . . . प्यार करना: यहाँ यूनानी शब्द अघापेओ का अनुवाद “प्यार” किया गया है। यह क्रिया और इससे जुड़ी संज्ञा अघापि (प्यार) मसीही यूनानी शास्त्र में 250 से ज़्यादा बार आते हैं। 1यूह 4:8 में लिखा है, “परमेश्वर प्यार है” और यहाँ संज्ञा अघापि इस्तेमाल हुई है। बाइबल में बताया है कि यहोवा परमेश्वर सिद्धांतों पर आधारित निस्वार्थ प्यार करने में सबसे बेहतरीन मिसाल है। वह खुलकर अपना प्यार ज़ाहिर करता है और जो भी करता है, उससे पता चलता है कि उसे हमारी कितनी फिक्र है। परमेश्वर सिर्फ भावनाओं में बहकर प्यार नहीं करता, बल्कि इसलिए अपना प्यार जताता है क्योंकि वह हर हाल में हमारा साथ निभाना चाहता है। जब कोई व्यक्ति इस तरह का निस्वार्थ प्यार ज़ाहिर करता है, तो वह दिखाता है कि वह अपनी इच्छा से परमेश्वर की तरह बनना चाहता है। (इफ 5:1) इंसान ऐसा प्यार ज़ाहिर करने के काबिल हैं, इसी वजह से इस आयत और आगे की आयतों में प्यार करने की दो बड़ी आज्ञाएँ दी गयी हैं। इस आयत में यीशु व्य 6:5 में लिखी बात दोहरा रहा था। इब्रानी शास्त्र में प्यार का गुण दर्शाने के लिए खास तौर पर क्रिया ‘अहेव’ या ‘अहाव’ (प्यार करना) और संज्ञा ‘अहावा’ (प्यार) इस्तेमाल हुए हैं। ऊपर दिए यूनानी शब्दों की तरह इन शब्दों से प्यार के अलग-अलग मायने पता चलते हैं। यहोवा से प्यार करने की बात करें, तो इन शब्दों से एक व्यक्ति की इच्छा पता चलती है कि वह खुद को पूरी तरह से परमेश्वर को दे देना चाहता है और सिर्फ उसी की भक्ति करना चाहता है। इस तरह का प्यार ज़ाहिर करने में यीशु सबसे उम्दा मिसाल है। उसने दिखाया कि परमेश्वर से प्यार करने का मतलब उससे सिर्फ लगाव रखना नहीं है, बल्कि इसमें और भी बातें शामिल हैं। यह प्यार एक व्यक्ति की पूरी ज़िंदगी में दिखता है, जैसे उसकी सोच, बातों और कामों में।—यूह 3:16 का अध्ययन नोट देखें।
दूसरी: यीशु ने फरीसी के सवाल का जो सीधा-सीधा जवाब दिया वह मत 22:37 में लिखा है। लेकिन यीशु जवाब में एक और आज्ञा के बारे में बताता है (लैव 19:18) और इस तरह सिखाता है कि इन दोनों आज्ञाओं का आपस में गहरा नाता है और इन्हीं पर पूरा कानून और भविष्यवक्ताओं की शिक्षाएँ आधारित हैं।—मत 22:40.
पड़ोसी: शा., “पासवाले।” इसके यूनानी शब्द का मतलब सिर्फ पड़ोस में रहनेवाले लोग नहीं बल्कि इसमें वे लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनसे एक इंसान का मिलना-जुलना होता है।—लूक 10:29-37; रोम 13:8-10; कृपया मत 5:43 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
कानून और भविष्यवक्ताओं: मत 5:17 का अध्ययन नोट देखें।
आधारित हैं: इनकी यूनानी क्रिया का शाब्दिक मतलब है, “पर टंगा होना।” मगर यहाँ यह क्रिया लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल हुई है जिसका मतलब है, “पर आधारित होना; पर टिका होना।” इस तरह यीशु ने समझाया कि न सिर्फ वह कानून, जिसमें दस आज्ञाएँ हैं, बल्कि पूरा इब्रानी शास्त्र प्यार पर आधारित है।—रोम 13:9.
मसीह: या “मसीहा।”—मत 1:1; 2:4 के अध्ययन नोट देखें।
पवित्र शक्ति से उभारे जाने पर: यानी परमेश्वर की पवित्र शक्ति की प्रेरणा से।—शब्दावली में “रुआख; नफ्मा” देखें।
यहोवा: यहाँ भज 110:1 की बात लिखी है। मूल इब्रानी पाठ में इस आयत में परमेश्वर के नाम के लिए चार इब्रानी व्यंजन (हिंदी में य-ह-व-ह) इस्तेमाल हुए हैं।—अति. ग देखें।
तेरे पैरों तले: यानी तेरे अधिकार में।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो

तिबिरियुस का जन्म ईसा पूर्व 42 में हुआ था। ईसवी सन् 14 में वह रोम का दूसरा सम्राट बना और ईसवी सन् 37 के मार्च तक जीया। धरती पर यीशु की सेवा के दौरान वही सम्राट था। इसलिए जब यीशु ने कर का सिक्का दिखाकर कहा, “जो सम्राट का है वह सम्राट को चुकाओ,” तो उस वक्त तिबिरियुस राज कर रहा था।—मर 12:14-17; मत 22:17-21; लूक 20:22-25.