मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 10:1-42
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
प्रेषितों: या “भेजे हुए।” यूनानी शब्द अपोस्टोलोस यूनानी क्रिया अपोस्टैलो से निकला है जिसका मतलब है, “भेजना (या बाहर भेजना)।” (मत 10:5; लूक 11:49; 14:32) ‘प्रेषित’ का बुनियादी मतलब यूह 13:16 में कही यीशु की बात से साफ पता चलता है, जहाँ लिखा है: “भेजा हुआ।”
शमौन जो पतरस कहलाता है: बाइबल में पतरस के पाँच नाम दिए हैं: (1) “शिमौन”; (2) “शमौन” (शिमौन और शमौन, दोनों एक ही इब्रानी क्रिया से निकले हैं जिसका मतलब है, “सुनना; कान लगाना”); (3) “पतरस” (यूनानी नाम जिसका मतलब है, “चट्टान का टुकड़ा” और शास्त्र में यह नाम सिर्फ उसी का है); (4) “कैफा” जो पतरस का अरामी भाषा में अनुवाद है (शायद यह इब्रानी शब्द केफिम [चट्टानों] से जुड़ा है जो अय 30:6; यिर्म 4:29 में इस्तेमाल हुआ है) और (5) “शमौन पतरस” जो दो नामों से मिलकर बना है।—प्रेष 15:14; यूह 1:42; मत 16:16.
बरतुलमै: मतलब, “तुलमै का बेटा।” माना जाता है कि यही नतनएल है जिसका ज़िक्र यूहन्ना ने किया। (यूह 1:45, 46) खुशखबरी की किताबों की आपस में तुलना करने से पता चलता है कि मत्ती और लूका ने जिस तरह बरतुलमै और फिलिप्पुस का साथ-साथ ज़िक्र किया, उसी तरह यूहन्ना ने नतनएल और फिलिप्पुस का साथ-साथ ज़िक्र किया।—मत 10:3; लूक 6:14.
कर-वसूलनेवाला: इस खुशखबरी की किताब का लेखक मत्ती पहले कर-वसूलनेवाला था, इसलिए उसने कई बार संख्याओं और पैसों का ज़िक्र किया। (मत 17:27; 26:15; 27:3) यहाँ तक कि उसने उन संख्याओं को स्पष्ट भी किया। उसने यीशु की वंशावली को तीन भागों में बाँटा और हर भाग में 14 पीढ़ियाँ बतायीं। (मत 1:1-17) उसने प्रभु की प्रार्थना की सात बिनतियाँ लिखीं (मत 6:9-13), मत 13 में सात मिसालें बतायीं और मत 23:13-36 में सात बार धर्म गुरुओं को धिक्कारे जाने के बारे में बताया। शब्द ‘कर-वसूलनेवाले’ के लिए मत 5:46 का अध्ययन नोट देखें।
मत्ती: लेवी भी कहलाता था।—मर 2:14; लूक 5:27 के अध्ययन नोट देखें।
हलफई का बेटा याकूब: मर 3:18 का अध्ययन नोट देखें।
तद्दी: लूक 6:16 और प्रेष 1:13 में जब प्रेषितों के नाम बताए गए तो उसमें तद्दी नाम नहीं है। इसके बजाय उसमें लिखा है, “याकूब का बेटा यहूदा।” इससे पता चलता है कि इस प्रेषित का दूसरा नाम तद्दी है जिसके बारे में यूहन्ना ने इस तरह लिखा: “यहूदा (इस्करियोती नहीं)।” (यूह 14:22) लोग प्रेषित यहूदा को गद्दार यहूदा इस्करियोती समझने की गलती न करें, इसलिए शायद कुछ आयतों में उसे तद्दी कहा गया है।
जोशीला: शा., “कनानानी।” प्रेषित शमौन के नाम के साथ यह उपाधि इसलिए जोड़ी गयी ताकि इसके और प्रेषित शमौन पतरस के बीच फर्क किया जा सके। (मर 3:18) माना जाता है कि यह उपाधि या तो इब्रानी या अरामी शब्द से निकली है जिसका मतलब है, “जोशीला व्यक्ति; उत्साही व्यक्ति।” लूका ने भी इसी शमौन को “जोशीला” कहा और इसके लिए उसने यूनानी शब्द ज़ीलोटेस इस्तेमाल किया जिसका मतलब भी “जोशीला व्यक्ति; उत्साही व्यक्ति” है। (लूक 6:15; प्रेष 1:13) हालाँकि यह हो सकता है कि एक वक्त पर शमौन कट्टरपंथी यहूदियों के गुट (ज़ीलोट्स) का हिस्सा रहा हो, जो रोमियों का विरोध करता था, मगर यह भी हो सकता है कि उसे यह उपाधि परमेश्वर की सेवा में जोश और उत्साह दिखाने की वजह से दी गयी हो।
इस्करियोती: शायद इसका मतलब है, “करियोत का रहनेवाला।” यहूदा का पिता शमौन भी “इस्करियोती” कहलाता था। (यूह 6:71) आम तौर पर विद्वानों का मानना है कि इस शब्द से पता चलता है कि शमौन और यहूदा, यहूदिया प्रदेश के करियोत-हेसरोन नगर से थे। (यह 15:25) अगर यह सच है तो 12 प्रेषितों में से सिर्फ यहूदा ही यहूदिया से था, बाकी प्रेषित गलील से थे।
प्रचार करना: यानी सरेआम सब लोगों को संदेश सुनाना।—मत 3:1 का अध्ययन नोट देखें।
स्वर्ग का राज पास आ गया है: मत 4:17 का अध्ययन नोट देखें।
कोढ़ियों: मत 8:2 का अध्ययन नोट और शब्दावली में “कोढ़; कोढ़ी” देखें।
उसके यहाँ रहो: मर 6:10 का अध्ययन नोट देखें।
नमस्कार करो: आम तौर पर यहूदी यह कहकर नमस्कार करते थे, “तुझे शांति मिले।”—न्या 19:20, फु.; मत 10:13; लूक 10:5.
अपने पैरों की धूल झाड़ देना: चेलों का ऐसा करना दिखाता कि परमेश्वर उस घर के लोगों का जो न्याय करता उसके लिए वे ज़िम्मेदार नहीं होते। ये शब्द मर 6:11 और लूक 9:5 में भी पाए जाते हैं। इन शब्दों के साथ-साथ मरकुस ने यह भी लिखा, “ताकि उन्हें गवाही मिले” और लूका ने लिखा, “ताकि उनके खिलाफ गवाही हो।” पौलुस और बरनबास जब पिसिदिया इलाके के अंताकिया शहर में थे तो उन्होंने भी यह हिदायत मानी। (प्रेष 13:51) पौलुस जब कुरिंथ में था तो उसने कुछ इससे मिलता-जुलता ही किया। उसने अपने कपड़े झाड़े और वहाँ के लोगों से कहा, “तुम्हारा खून तुम्हारे ही सिर पड़े। मैं निर्दोष हूँ।” (प्रेष 18:6) पैरों की धूल झाड़ना, इस तरह के व्यवहार से चेले शायद वाकिफ थे। धर्मी होने का दम भरनेवाले यहूदी जब गैर-यहूदियों के देश से सफर करके आते थे, तो अपने इलाकों में घुसने से पहले पैरों की धूल झाड़ देते थे क्योंकि वे सोचते थे कि उस देश की मिट्टी अशुद्ध है। लेकिन ज़ाहिर है कि जब यीशु ने अपने चेलों को यह हिदायत दी तो उसके मन में यह बात नहीं थी।
सच: मत 5:18 का अध्ययन नोट देखें।
हाल उस शहर के हाल से ज़्यादा सहने लायक होगा: लूक 10:12 का अध्ययन नोट देखें।
देखो!: मत 1:23 का अध्ययन नोट देखें।
साँपों की तरह सतर्क: यहाँ सतर्क रहने का मतलब है: दूर की सोचना, समझ से काम लेना, होशियार रहना। जानवरों पर अध्ययन करनेवालों ने गौर किया है कि ज़्यादातर साँप खतरा देखते ही हमला करने के बजाय भागने की कोशिश करते हैं। यीशु अपने चेलों से कह रहा था कि साँपों की तरह वे भी विरोधियों से खबरदार रहें और प्रचार करते वक्त सतर्क रहें ताकि खतरों से बच सकें।
कबूतरों की तरह सीधे: यीशु ने सलाह में जो दो अलग बातें कहीं (सतर्क रहो और सीधे बने रहो), इन दोनों बातों को एक व्यक्ति मान सकता है। (इस आयत में साँपों की तरह सतर्क पर अध्ययन नोट देखें।) जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “सीधे” (शा., “अमिश्रित” यानी “जो खराब न हुआ हो; शुद्ध”) किया गया है, उससे मिलते-जुलते शब्द रोम 16:19 (“बुरी बातों के मामले में अनजान रहो”) और फिल 2:15 (“निर्दोष और मासूम और परमेश्वर के बच्चे ठहरो”) में भी आते हैं। ऐसा मालूम होता है कि मत 10:16 में शब्द “सीधे बने रहो” से एक ऐसे व्यक्ति की बात हो रही है जो सच्चा, ईमानदार और नेक इरादों वाला है और जिसके मन में कोई कपट नहीं है। इब्रानी भाषा में आम तौर पर कबूतरों को इन्हीं गुणों से और इनसे मिलते-जुलते गुणों से जोड़ा जाता है। और यही बात इब्रानी कविताओं में भी अकसर देखने को मिलती है। (श्रेष 2:14; 5:2; कृपया मत 3:16 के अध्ययन नोट से तुलना करें।) यीशु के कहने का मतलब था कि जब उसके चेले भेड़ों की तरह भेड़ियों के बीच विरोध का सामना करेंगे, तो उन्हें साँपों और कबूतरों दोनों की तरह बनना होगा। उन्हें सतर्क, होशियार, सच्चे मनवाले, निर्दोष और सीधे बने रहना होगा।—लूक 10:3.
निचली अदालतों: मसीही यूनानी शास्त्र में अकसर शब्द सिनेड्रियोन यरूशलेम में यहूदियों की सबसे बड़ी अदालत यानी महासभा के लिए इस्तेमाल हुआ है। (शब्दावली में “महासभा” और मत 5:22; 26:59 के अध्ययन नोट देखें।) लेकिन यह शब्द एक आम सभा के लिए भी इस्तेमाल होता था। इस आयत में शब्द सिनेड्रियोन का बहुवचन इस्तेमाल हुआ है और इसका अनुवाद “निचली अदालतों” किया गया है। ये अदालतें अकसर सभा-घरों में लगती थीं और इन्हें कोड़े लगवाने और समाज से बहिष्कार करने की सज़ा सुनाने का अधिकार था।—मत 23:34; मर 13:9; लूक 21:12; यूह 9:22; 12:42; 16:2.
मेरे नाम की वजह से: मत 24:9 का अध्ययन नोट देखें।
धीरज धरेगा: या “धरता है।”—मत 24:13 का अध्ययन नोट देखें।
इंसान का बेटा: मत 8:20 का अध्ययन नोट देखें।
बाल-ज़बूल: यह नाम शायद बाल-जबूब नाम का ही दूसरा रूप है, जिसका मतलब है “मक्खियों का मालिक।” इस बाल देवता की पूजा एक्रोन के पलिश्ती लोग करते थे। (2रा 1:3) कुछ यूनानी हस्तलिपियों में यह दूसरे तरीके से लिखा गया है, बील-ज़ीबाउल या बी-ज़ीबाउल जिनका शायद मतलब है, “ऊँचे निवास का मालिक।” या अगर परसर्ग ज़ीबाउल इब्रानी शब्द ज़ीवेल (मल) से लिया गया है, जो शब्द बाइबल में नहीं है, तो इन नामों का मतलब “मल का मालिक” हो सकता है। मत 12:24 के मुताबिक, यह नाम शैतान को दिया गया है जो दुष्ट स्वर्गदूतों का राजा या शासक है।
उजाले में: यानी सबके सामने या सरेआम।
घर की छतों पर चढ़कर ऐलान करो: एक मुहावरा, जिसका मतलब है “सरेआम ऐलान करना।” बाइबल के ज़माने में घरों की छतें सपाट होती थीं जहाँ से ऐलान किया जा सकता था। इसके अलावा वहाँ किए जानेवाले कुछ कामों का सबको पता चल जाता था।—2शम 16:22.
जीवन: यानी वह जीवन, जो एक इंसान को भविष्य में ज़िंदा करके दिया जाएगा। इब्रानी शब्द नेफेश और यूनानी शब्द साइखी का मतलब है: (1) लोग, (2) जीव-जंतु या (3) इंसान और जीव-जंतुओं का जीवन। (उत 1:20; 2:7; गि 31:28; 1पत 3:20) यूनानी शब्द साइखी का मतलब “इंसान का जीवन” है, इसके उदाहरण आगे दी आयतों में पाए जा सकते हैं: मत 6:25; 10:39; 16:25, 26; मर 8:35-37; लूक 12:20; यूह 10:11, 15; 12:25; 13:37, 38; 15:13; प्रेष 20:10. ऐसी आयतों से हमें यहाँ कही यीशु की बात की सही समझ मिलती है।—शब्दावली देखें।
जो जीवन और शरीर दोनों को . . . मिटा सकता है: सिर्फ परमेश्वर एक इंसान का “जीवन” (यहाँ इसका मतलब है, जीवन पाने की उम्मीद) मिटा सकता है या उसे दोबारा ज़िंदा करके हमेशा की ज़िंदगी दे सकता है।
गेहन्ना: यानी हमेशा का विनाश।—मत 5:22 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
एक पैसे में: शा., “एक असारियन” यानी 45 मिनट की मज़दूरी। (अति. ख14 देखें।) जब यीशु गलील के तीसरे दौरे पर था तो उसने कहा कि दो गौरैयों की कीमत एक असारियन है। एक दूसरे मौके पर, शायद एक साल बाद यहूदिया में प्रचार करते वक्त, यीशु ने कहा कि पाँच गौरैयों की कीमत दो असारियन है। (लूक 12:6) मतलब, व्यापारी पाँचवीं गौरैया मुफ्त में ही दे देते थे। इससे पता चलता है कि गौरैया बहुत मामूली-सी चिड़िया मानी जाती थी।
चिड़ियाँ: यूनानी शब्द स्ट्रूथियोन अल्पार्थक संज्ञा है जिसका मतलब है, कोई भी छोटी चिड़िया। मगर यह शब्द अकसर गौरैया के लिए इस्तेमाल होता था, जो भोजन के लिए सबसे सस्ती चिड़िया होती थी।
तुम्हारे सिर का एक-एक बाल तक गिना हुआ है: कहा जाता है कि एक इंसान के सिर पर औसतन 1,00,000 से भी ज़्यादा बाल होते हैं। यहोवा का इतनी बारीक जानकारी रखना हमें भरोसा दिलाता है कि उसे मसीह के हर चेले में गहरी दिलचस्पी है।
यातना का काठ: या “मौत का काठ।” यूनानी शब्द स्टौरोस यहाँ पहली बार आया है। प्राचीन यूनानी भाषा में इस शब्द का खास तौर से मतलब है, सीधा काठ या खंभा। यह शब्द लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल हुआ है और कभी-कभी उसका मतलब है, यीशु का चेला होने की वजह से यातना, दुख-तकलीफें, शर्मिंदगी, यहाँ तक कि मौत सहना।—शब्दावली देखें।
उठाना चाहता: यहाँ शब्द ‘उठाना’ लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है यीशु का चेला बनने की ज़िम्मेदारी लेना और उसके नतीजों के लिए तैयार रहना।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
कि वह भविष्यवक्ता है: शा., “भविष्यवक्ता के नाम से।” “के नाम से” एक यूनानी मुहावरा है जिसका इस आयत में मतलब है, एक भविष्यवक्ता के ओहदे और काम का आदर करना।—मत 28:19 के अध्ययन नोट से तुलना करें।
इनाम . . . जो एक भविष्यवक्ता को मिलता है: जो लोग सच्चे भविष्यवक्ताओं को अपनाते और उनका साथ देते हैं, उन्हें परमेश्वर भरपूर आशीषें देगा। पहला रा 17 में दी एक विधवा की घटना इस बात की बढ़िया मिसाल है।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो

प्राचीन समय के इब्री लोग आम तौर पर अपने पास लाठी या डंडा रखते थे। यह कई तरह से काम में आता था, जैसे सहारे के लिए (निर्ग 12:11; जक 8:4; इब्र 11:21), बचाव या लड़ने के लिए (2शमू 23:21), दाँवने के लिए (यश 28:27) और जैतून के पेड़ झाड़ने के लिए ताकि फल गिर सकें (व्य 24:20; यश 24:13)। खाने की पोटली एक थैला होता था, जो आम तौर पर चमड़े का होता था। मुसाफिर, चरवाहे, किसान और दूसरे लोग इसे अपने कंधे पर टाँग लेते थे। इसमें खाना, कपड़े और दूसरी चीज़ें रखी जाती थीं। यीशु ने जब अपने प्रेषितों को प्रचार के लिए भेजा, तो उसने उन्हें लाठी और खाने की पोटली के बारे में भी हिदायतें दीं। प्रेषितों के पास जो चीज़ें थीं बस वही लेकर उन्हें जाना था और यहोवा उनका खयाल रखता। अगर वे कुछ और लेने की कोशिश करते तो प्रचार से उनका ध्यान भटक सकता था।—यीशु की हिदायतों का क्या मतलब था, यह जानने के लिए लूक 9:3 और 10:4 के अध्ययन नोट देखें।

भेड़िए आम तौर पर रात को शिकार करते हैं। (हब 1:8) वे किसी से डरते नहीं, साथ ही बहुत खूँखार और लालची होते हैं। अकसर वे जितना खा सकते या उठाकर ले जा सकते, उससे ज़्यादा भेड़ों को मार डालते हैं। बाइबल के ज़माने में जानवरों, उनके स्वभाव और उनकी आदतों के बारे में अकसर लाक्षणिक तौर पर बात की जाती थी। अच्छे गुण या बुरे गुण बताने के लिए उनकी मिसाल दी जाती थी। जैसे, याकूब ने अपनी मौत से पहले जो भविष्यवाणी की, उसमें उसने बिन्यामीन के गोत्र के बारे में कहा कि वह भेड़िए (कैनिस लूपस ) की तरह निडर होकर लड़ेगा। (उत 49:27) लेकिन ज़्यादातर आयतों में भेड़िए का ज़िक्र बुरे गुण बताने के लिए किया गया है, जैसे लालच, क्रूरता और चालाकी। जिन लोगों की तुलना भेड़ियों से की गयी है, उनमें कुछ थे: झूठे भविष्यवक्ता (मत 7:15), मसीहियों के प्रचार का कड़ा विरोध करनेवाले (मत 10:16; लूक 10:3) और मंडली के अंदर से ही उठ खड़े होनेवाले झूठे शिक्षक जो मसीहियों के लिए खतरा थे (प्रेष 20:29, 30)। चरवाहे अच्छी तरह जानते थे कि भेड़िए उनकी भेड़ों के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। एक बार यीशु ने कहा कि “मज़दूरी पर रखा गया आदमी” जब “भेड़िए को आते देखता है, तो भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है।” मगर यीशु उस आदमी की तरह नहीं है जिसे “भेड़ों की परवाह नहीं होती।” इसके बजाय “वह अच्छा चरवाहा” है जो “भेड़ों की खातिर अपनी जान दे देता है।”—यूह 10:11-13.

सबसे खतरनाक कोड़े को फ्लैगेलम कहा जाता था। इसमें एक हत्था होता था जिसमें कई रस्सियाँ या गुथी हुई चमड़े की पट्टियाँ लगी होती थीं। इन पट्टियों में नुकीली हड्डियाँ या धातु के टुकड़े लगाए जाते थे ताकि इनकी मार और भी दर्दनाक हो।

घर की छत पर परिवार के लोग बहुत-से काम करते थे। एक पिता अपने परिवार को यहोवा के बारे में सिखाने के लिए शायद छत पर बुलाता था। उदाहरण के लिए, बटोरने के त्योहार के दौरान छतों पर छप्पर डाला जाता था। (लैव 23:41, 42; व्य 16:13-15) छतों पर अलसी और दूसरी चीज़ें सुखायी जाती थीं। (यह 2:6) कभी-कभी लोग छत पर सोते भी थे। (1शम 9:25, 26) छत पर किया जानेवाला कोई भी काम आसानी से दूसरों को दिखायी देता था। (2शम 16:22) छत पर से की गयी कोई भी घोषणा फौरन पड़ोसियों और गली से गुज़रनेवाले लोगों को सुनायी देती थी।

हिन्नोम घाटी को यूनानी में गेहन्ना कहा जाता था। यह प्राचीन यरूशलेम के दक्षिण-पश्चिम में एक तंग घाटी है। यीशु के दिनों में यह घाटी कूड़ा-करकट जलाने की जगह थी। इसलिए हमेशा का विनाश बताने के लिए “गेहन्ना” शब्द एकदम सही था।

गौरैया खाने के लिए बिकनेवाली चिड़ियों में से सबसे सस्ती थी। एक आदमी की 45 मिनट की मज़दूरी से दो गौरैया खरीदी जा सकती थीं। शब्द “चिड़ियाँ” के लिए यूनानी में जो शब्द इस्तेमाल हुआ है, उसका मतलब कई तरह की छोटी-छोटी चिड़ियाँ हो सकता है। इनमें से दो हैं, घरेलू गौरैया (पास्सेर डोमेस्टिकस बिब्लिकस) और स्पेनी गौरैया (पास्सेर हिस्पैनियोलैंसिस), जो आज भी इसराएल देश में काफी देखने को मिलती हैं।