भजन 3:1-8

दाविद का सुरीला गीत। यह गीत उस समय का है जब दाविद अपने बेटे अबशालोम से भाग रहा था।+ 3  हे यहोवा, इतने सारे लोग मेरे दुश्‍मन कैसे बन गए?+ मेरे खिलाफ उठनेवाले ये सब कहाँ से आ गए?+   बहुत-से लोग मेरे बारे में कहते हैं, “परमेश्‍वर उसे नहीं बचाएगा।”+ (सेला )*   मगर हे यहोवा, तू मेरे चारों तरफ एक ढाल है,+तू मेरी शान है,+ तू ही मेरा सिर ऊँचा उठाता है।+   मैं ज़ोर-ज़ोर से यहोवा को पुकारूँगाऔर वह अपने पवित्र पहाड़ से मुझे जवाब देगा।+ (सेला )   मैं बेफिक्र लेटूँगा, चैन से सोऊँगाऔर सही-सलामत उठूँगा,क्योंकि यहोवा हरदम मेरा साथ देता है।+   चाहे लाखों दुश्‍मन मुझे घेर लें,फिर भी मैं नहीं डरूँगा।+   हे यहोवा, उठ! मेरे परमेश्‍वर, मुझे बचा ले!+ तू मेरे सभी दुश्‍मनों के जबड़े पर मारेगा,उन दुष्टों के दाँत तोड़ डालेगा।+   उद्धार करनेवाला यहोवा ही है।+ तेरी आशीष तेरे लोगों पर रहती है। (सेला )

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