गिनती 15:1-41

15  फिर यहोवा ने मूसा से कहा,   “तू इसराएलियों से कहना, ‘जब तुम आखिरकार उस देश में बस जाओगे जो मैं तुम्हें देनेवाला हूँ+  और तुम गाय-बैलों या भेड़-बकरियों के झुंड में से किसी जानवर को आग में जलाकर यहोवा के लिए उसकी बलि चढ़ाओगे ताकि उसकी सुगंध पाकर यहोवा खुश हो,+ फिर चाहे वह होम-बलि के लिए हो+ या कोई खास मन्‍नत पूरी करने की बलि के लिए या फिर साल के अलग-अलग वक्‍त पर त्योहारों के मौके+ पर हो या स्वेच्छा-बलि के लिए हो,+  तुम्हें जानवर की बलि के साथ अनाज का चढ़ावा भी यहोवा के लिए चढ़ाना चाहिए। इस चढ़ावे में एपा का दसवाँ भाग* मैदा होना चाहिए+ जिसमें एक-चौथाई हीन* तेल मिला हो।   जब भी तुम होम-बलि चढ़ाते हो या एक नर मेम्ने की बलि चढ़ाते हो, तो उसके साथ एक-चौथाई हीन दाख-मदिरा का अर्घ भी चढ़ाना।+  या जब तुम एक मेढ़ा चढ़ाते हो तो उसके साथ अनाज के चढ़ावे में एपा का दो-दहाई भाग मैदा भी देना जिसमें एक-तिहाई हीन तेल मिला हो।   उसके साथ तुम एक-तिहाई हीन दाख-मदिरा का अर्घ भी चढ़ाना ताकि उसकी सुगंध पाकर यहोवा खुश हो।  लेकिन अगर तुम होम-बलि के लिए या अपनी खास मन्‍नत पूरी करने की बलि के लिए+ या शांति-बलि के लिए यहोवा को एक बैल अर्पित करते हो,+  तो बैल के साथ अनाज के चढ़ावे+ में एपा का तीन-दहाई भाग मैदा देना जिसमें आधा हीन तेल मिला हो।  10  साथ ही, तुम आधा हीन दाख-मदिरा का अर्घ भी चढ़ाना।+ इसे आग में जलाकर यहोवा के लिए अर्पित करना ताकि उसकी सुगंध पाकर वह खुश हो।  11  जब भी तुम एक बैल या मेढ़े या नर मेम्ने या बकरे की बलि चढ़ाते हो तो उसके साथ-साथ तुम ये चढ़ावे भी देना।  12  चाहे तुम कितने भी जानवर चढ़ाओ, तुम्हें हर जानवर के साथ ये चढ़ावे भी देने चाहिए।  13  हर पैदाइशी इसराएली को चाहिए कि वह इसी तरह जानवर को आग में जलाकर यहोवा के लिए अर्पित करे ताकि उसकी सुगंध पाकर वह खुश हो। 14  अगर कोई परदेसी, जो तुम्हारे बीच रहता है या जिसका परिवार पुरखों के ज़माने से तुम्हारे देश में बस गया है, अपना बलिदान आग में जलाकर यहोवा के लिए अर्पित करता है ताकि उसकी सुगंध पाकर वह खुश हो, तो उसे भी बलि उसी तरीके से चढ़ानी होगी जैसे तुम इसराएली चढ़ाते हो।+ 15  तुम जो इसराएल की मंडली के हो, तुम्हारे लिए और तुम्हारे बीच रहनेवाले परदेसियों के लिए एक ही विधि रहेगी। यह विधि तुम पर और तुम्हारी आनेवाली पीढ़ियों पर सदा लागू रहेगी। यहोवा के सामने परदेसी भी तुम्हारे बराबर हैं।+ 16  तुम्हारे लिए और तुम्हारे बीच रहनेवाले परदेसियों के लिए एक ही कानून और एक ही न्याय-सिद्धांत होगा।’” 17  यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,  18  “तू इसराएलियों से कहना, ‘जब तुम उस देश में बस जाओगे जो मैं तुम्हें देनेवाला हूँ  19  और वहाँ की उपज* खाओगे,+ तो तुम उस उपज में से कुछ लेकर यहोवा के लिए दान करना।  20  तुम पहले फल में से कुछ अनाज दरदरा कूटना और उससे छल्ले जैसी रोटियाँ बनाकर दान करना।+ यह तुम उसी तरीके से दान करना जैसे तुम खलिहान से लाया हुआ अनाज दान करोगे।  21  इस तरह पहले फल में से कुछ अनाज को दरदरा कूटकर तैयार की गयी रोटियाँ तुम पीढ़ी-दर-पीढ़ी यहोवा के लिए दान में दिया करना। 22  अगर तुम लोगों से कोई गलती हो जाती है और तुम इन सारी आज्ञाओं को मानने से चूक जाते हो जो यहोवा ने मूसा को दी हैं,  23  यानी यहोवा की वे सारी आज्ञाएँ जो उस दिन से लागू हैं जिस दिन यहोवा ने मूसा के ज़रिए दी थीं और जो तुम पर और तुम्हारी आनेवाली पीढ़ियों पर सदा के लिए लागू रहेंगी, तो तुम्हें यह करना होगा:  24  अगर मंडली को नहीं मालूम कि उससे यह गलती हुई है, तो बाद में जब उसे पता चलता है तब पूरी मंडली को एक बैल की होम-बलि चढ़ानी चाहिए ताकि उसकी सुगंध पाकर यहोवा खुश हो। इस होम-बलि के साथ अनाज का चढ़ावा और अर्घ भी चढ़ाना चाहिए। यह सब उसी तरीके से चढ़ाना चाहिए जैसे नियमित तौर पर चढ़ाया जाता है।+ इसके अलावा, मंडली को बकरी के एक बच्चे की पाप-बलि भी चढ़ानी चाहिए।+ 25  तब याजक इसराएलियों की पूरी मंडली के लिए प्रायश्‍चित करेगा। उनकी गलती माफ कर दी जाएगी,+ क्योंकि उन्होंने यह अनजाने में की थी और उन्होंने अपना बलिदान आग में जलाकर यहोवा को अर्पित किया है और अपनी गलती के लिए यहोवा के सामने पाप-बलि भी चढ़ायी है।  26  इसराएलियों की पूरी मंडली और उनके बीच रहनेवाले परदेसियों की गलती माफ कर दी जाएगी, क्योंकि यह उनसे अनजाने में हो गयी थी। 27  अगर किसी इंसान से अनजाने में पाप हो जाता है, तो उसे पाप-बलि के लिए एक साल की बकरी लाकर देनी होगी।+ 28  तब याजक उस इंसान के लिए, जिसने अनजाने में पाप किया है, यहोवा के सामने प्रायश्‍चित करेगा और उसका पाप माफ कर दिया जाएगा।+ 29  अनजाने में पाप करनेवाला चाहे पैदाइशी इसराएली हो या उनके बीच रहनेवाला कोई परदेसी, इस मामले में दोनों पर एक ही कानून लागू होगा।+ 30  लेकिन अगर एक इंसान जानबूझकर पाप करता है,+ फिर चाहे वह पैदाइशी इसराएली हो या उनके बीच रहनेवाला कोई परदेसी, तो वह यहोवा की निंदा करता है। उसे मौत की सज़ा दी जाए।  31  उसने यहोवा के वचन को तुच्छ जाना है और उसकी आज्ञा तोड़ी है, इसलिए उसे हर हाल में मौत की सज़ा दी जाए।+ उसका गुनाह उसी के सिर पड़ेगा।’”+ 32  जब इसराएली वीराने में थे, तो उन्होंने सब्त के दिन एक आदमी को लकड़ियाँ बीनते देखा।+ 33  वे उसे पकड़कर मूसा, हारून और पूरी मंडली के पास ले आए।  34  फिर उस आदमी को हिरासत में रखा गया,+ क्योंकि कानून में यह साफ-साफ नहीं बताया गया था कि ऐसे आदमी के साथ क्या किया जाना चाहिए। 35  यहोवा ने मूसा से कहा, “उस आदमी को हर हाल में मौत की सज़ा दी जाए।+ पूरी मंडली उसे छावनी के बाहर पत्थरों से मार डाले।”+ 36  तब मंडली के सब लोगों ने ठीक वैसे ही किया जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। वे उसे छावनी के बाहर ले गए और उसे पत्थरों से मार डाला। 37  यहोवा ने मूसा से कहा,  38  “इसराएलियों से कहना कि वे अपनी पोशाक के नीचे के घेरे में झालर लगाएँ और उस झालर के ऊपर एक नीला फीता लगाएँ।+ सभी इसराएलियों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस नियम का पालन करना है।  39  ‘तुम्हें यह झालर और फीता इसलिए लगाना चाहिए ताकि उन्हें देखने से तुम्हें यहोवा की सभी आज्ञाएँ याद रहें और तुम उनका पालन कर सको।+ तुम अपने दिल या अपनी आँखों के बहकावे में आकर कोई काम न करना, क्योंकि यह तुम्हें मेरे साथ विश्‍वासघात करने* के लिए बहका सकती हैं।+ 40  इस नियम से तुम्हें मेरी सभी आज्ञाएँ याद रहेंगी और तुम उनका पालन करोगे और अपने परमेश्‍वर के लिए पवित्र बने रहोगे।+ 41  मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ। मैं ही तुम्हें मिस्र से निकालकर बाहर ले आया था ताकि मैं खुद को तुम्हारा परमेश्‍वर साबित करूँ।+ मैं यहोवा हूँ, तुम्हारा परमेश्‍वर।’”+

कई फुटनोट

एपा का दसवाँ भाग 2.2 ली. के बराबर था। अति. ख14 देखें।
एक हीन 3.67 ली. के बराबर होता था। अति. ख14 देखें।
शा., “रोटी।”
या “तुम्हें वेश्‍याओं जैसी बदचलनी करने।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो