प्रहरीदुर्ग अक्टूबर 2015 | चिंताओं का कैसे करें सामना

आज लाखों लोग भूकंप, बाढ़ जैसी कुदरती आफतों और दूसरी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग इनकी वजह से ज़्यादा चिंता में नहीं डूब जाते। वह कैसे?

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हर कहीं लोग चिंता में डूबे हुए हैं!

जाँच करने पर पता चला है कि जो लोग हर वक्‍त चिंता करते रहते हैं, उनकी वक्‍त से पहले मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। आप चिंताओं का कैसे सामना कर सकते हैं?

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पैसे की चिंता

एक आदमी ने अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी कीं जब रोज़मर्रा की ज़रूरतों के दाम करोड़ गुना बढ़ गए थे।

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परिवार की चिंता

जानिए कि एक स्त्री ने किस तरह तलाक का सामना किया और जाना कि विश्वास का असल में क्या मतलब है।

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अनहोनी की चिंता

आप युद्ध, अपराध, प्रदूषण, मौसम में तबदीली और महामारियों का सामना कैसे कर सकते हैं?

क्या हम ईश्वर को खुश कर सकते हैं?

इसका जवाब जानने के लिए अय्यूब, लूत और दाविद की ज़िंदगी पर ध्यान दीजिए, जिन्होंने गंभीर पाप किए थे।

क्या आप जानते थे?

पुराने ज़माने में सिलबट्टे कैसे होते थे? जब पवित्र शास्त्र में बताया गया है कि कोई किसी की “गोद में” है, तो उसका क्या मतलब है?

क्या आप ईश्वर से नाराज़ हैं?

क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है, ‘ईश्वर ने मेरे साथ ऐसा क्यों होने दिया?’

बाइबल से जुड़े सवालों के जवाब

ज़िंदगी का क्या मकसद है? इंसानों को क्या बनाया गया?