प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 15 जुलाई, 2004 यीशु के चमत्कार—हकीकत हैं या कहानी? यीशु के चमत्कार—इनसे आप क्या सीख सकते हैं? ‘धूपकाल और शीतकाल निरन्तर होते चले जाएंगे’ क्या आप “यहोवा की व्यवस्था” से दिली खुशी पाते हैं? ‘यहोवा का वचन’ कभी खाली नहीं जा सकता आध्यात्मिक लक्ष्य रखने के ज़रिए अपने सिरजनहार की महिमा कीजिए कप्पदुकिया—जहाँ लोग, हवा और पानी से तराशे घरों में रहते थे पाठकों के प्रश्न “सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं” “यहोवा का नाम फैलाने के लिए” क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले?