17 नवंबर, 2023 | अपडेट: 8 दिसंबर, 2023
भारत
अपडेट—भारत में हुए बम धमाकों में अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है
शनिवार, 2 दिसंबर, 2023 को 76 साल के एक बुज़ुर्ग भाई की मौत हो गयी जो केरल में हुए बम धमाकों में जख्मी हो गए थे। भाई प्राचीन और पायनियर के तौर पर सेवा कर रहे थे। दुख की बात है कि पाँच दिन बाद गुरूवार, 7 दिसंबर को उनकी पत्नी की भी बम धमाको में आयी चोटों की वजह से मौत हो गयी। बहन भी पायनियर के तौर पर सेवा कर रही थीं। इस दुर्घटना की वजह से कुल मिलाकर हमारे आठ भाई-बहनों की मौत हो चुकी है।
रविवार, 29 अक्टूबर, 2023 को भारत के केरल में एक क्षेत्रीय अधिवेशन के दौरान कई बम धमाके हुए। इस हादसे में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है जिसमें एक 12 साल की बच्ची भी थी। अफसोस, अब उस बच्ची की माँ और उसके भाई की भी मौत हो गयी है, साथ ही एक और बहन की भी। इसके अलावा, 11 भाई-बहन अब भी अस्पताल में हैं।
भारत के शाखा दफ्तर को एक खास सभा रखने की मंज़ूरी मिली ताकि वह इस हादसे के शिकार लोगों को दिलासा दे सके और उनका हौसला बढ़ा सके। यह सभा 4 नवंबर, 2023 को रखी गयी और इसमें 21 मंडलियों को बुलाया गया। ये वही मंडलियाँ थीं जो बम धमाके के वक्त उस अधिवेशन में हाज़िर थीं। सभा एक राज-घर में रखी गयी और वहाँ करीब 200 लोग हाज़िर हुए। इसके अलावा, 1,300 लोगों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए कार्यक्रम सुना। जो लोग अस्पताल में हैं, उन्हें इस कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग दिखायी गयी। शाखा दफ्तर के एक प्राचीन ने भजन 23:1 पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भाई-बहनों का ध्यान दिलाया कि यहोवा को अपने हर सेवक की परवाह है। उन्होंने कहा, “इस वचन में भजन का लेखक यह नहीं कह रहा कि यहोवा सिर्फ एक चरवाहा है। वह यह भी नहीं कह रहा कि यहोवा एक बढ़िया चरवाहा है। बल्कि वह कह रहा है कि यहोवा ‘मेरा चरवाहा है।’ सच में, यहोवा को हममें से हरेक की बहुत परवाह है। इस बात से हमें कितना दिलासा मिलता है!”
बहनें एक-दूसरे को दिलासा दे रही हैं
एक भाई, जो बम धमाके के वक्त वहाँ मौजूद थे, बताते हैं कि इस हादसे के बाद से उन्हें नींद नहीं आ रहीं। इसके बावजूद, वे उन भाई-बहनों की मदद करने गए जो अस्पताल में भर्ती हैं। वे कहते हैं, “भाई-बहनों को चोटें आयीं, वे दर्द में हैं फिर भी वे जोश से राज-गीत गा रहे हैं। उनकी खुशी और उनका मज़बूत विश्वास देखकर मैं अपनी परेशानी भूल गया हूँ।” एक और भाई बताते हैं, “हमारे कुछ भाई-बहनों को इस सदमे से उबरने में वक्त लगेगा। पर मैं जानता हूँ कि हमारे भाइयों की पूरी बिरादरी उनसे प्यार करती रहेगी और उनका साथ देती रहेगी। मुझे पूरा यकीन है कि हमारा परमेश्वर उनमें से हरेक को अपने शक्तिशाली हाथ से थामे रहेगा। इस बात से मुझे बहुत हौसला मिलता है।”
पूरी दुनिया में यहोवा के सभी सेवक एक परिवार की तरह हैं। हमें यह जानकर बहुत दिलासा मिलता है कि यहोवा भारत में हमारे प्यारे भाई-बहनों की लगातार मदद कर रहा है। वह मानो ‘टूटे मनवालों को चंगा कर रहा है और उनके घावों पर पट्टी बाँध रहा है।’—भजन 147:3.